खेत की मेड़ को लेकर चल रहा था विवाद, भतीजे ने मेड़ पर ही किया चाचा का कत्ल
छतरपुर। दो दिन पहले लवकुशनगर थाना क्षेत्र के ग्राम टहनगा में खेत की रखवाली करने गए एक किसान की लाश खेत की मेंड़ पर रक्तरंजित अवस्था में मिली थी। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर मामले की गहन विवेचना की तो ज्ञात हुआ कि किसान की हत्या उसके ही सगे भतीजे ने की है। हत्या के पीछे की वजह खेत की मेंड़ को लेकर चल रहा जमीनी विवाद बताया गया है। आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूप में पुलिस अधीक्षक अमित सांघी द्वारा मामले का खुलासा किया गया।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि 30 जुलाई की सुबह ग्राम टहनगा निवासी किसान हरिचरण पुत्र दुर्जना अनुरागी की लाश उसके बहेरा वाले खेत पर रक्तरंजित अवस्था में मिली थी। मृतक के भाई नत्थू अनुरागी की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला पंजीबद्ध कर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किए तथा गवाहों के कथन लिए गए। प्राथमिक विवेचना में मृतक के भतीजे धर्मेन्द्र अनुरागी उम्र 30 वर्ष से विवाद की बात सामने आई, जिसके आधार पर पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन और मार्गदर्शन में धर्मेन्द्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की, साथ ही उसके मोबाइल की जांच भी की गई। मोबाइल की जांच में सामने आया कि भतीजे द्वारा घटना दिनांक की कॉल हिस्ट्री डिलीट कर दी गई है, जबकि उसकी पत्नी के मोबाइल की जांच से पुलिस को यह बात पता थी कि धर्मेन्द्र की पत्नी घटना दिनांक की रात को उससे लगातार फोन पर बात कर रही थी। इसी संदेह के आधार पर जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी टूट गया और उसने अपने चाचा की हत्या करना कबूल कर लिया।
आरोपी बोला विवाद से तंग आ गया था, इसलिए कर दी हत्या
पुलिस की पूछताछ में आरोपी भतीजे धर्मेन्द्र ने बताया कि खेत की मेंड़ को लेकर उसका अपने चाचा हरिचरण से विवाद चल रहा था। घटना दिनांक से एक दिन पहले मृतक हरिचरण का धर्मेन्द्र और उसकी पत्नी के साथ विवाद हुआ था। लगातार हो रहे विवाद से तंग आने के बाद धर्मेन्द्र ने हत्या का निर्णय लिया और इसके बाद रात के वक्त खेत पर जाकर अपने चाचा हरिचरण अनुरागी का खेत की मेंड़ पर ही कत्ल कर दिया। पूछताछ के उपरांत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेआर पर न्यायालय में पेश किया है। इस कार्यवाही में लवकुशनगर थाना प्रभारी संजय वेदिया के अलावा, उपनिरीक्षक प्रथा दुबे, सहायक उपनिरीक्षक जगदीश अहिरवार, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक नरेश चौहान, अनीश अहमद, महेंद्र यादव, आरक्षक जीतेंद्र चोकोटिया, रमाकांत, शुभम, हिरदेश, सूरज शर्मा, बनवाली, अभिषेक त्रिपाठी की अहम भूमिका रही।