उद्योग विभाग में फैले भ्रष्टाचार एवं अनियमिताओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन
छतरपुर। औद्योगिक क्षेत्र चन्द्रपुरा में महाप्रबंधक आशुतोष गुप्ता एवं सहायक प्रबंधक श्रीप्रकाश मिश्रा द्वारा की जा रही अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में प्रशासन को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम शहरवासियों ने ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि महाप्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक के भ्रष्टाचार के कारण शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाकर प्लाटों का हस्तांतरण किया जा रहा है जिससे शासन को करोड़ों रूपए की राजस्व की हानि हो रही है। वहीं विभाग के अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। इस प्रक्रिया को ऑफर प्रक्रिया के तहत नहीं कराया जा रहा। विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं लेकिन उनके ही विभाग में शासन के नियमों के विपरीत ये अधिकारी खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसी का कारण है कि इनके प्रभार वाले जिले में महाप्रबंधक के ढाई वर्ष से अधिक कार्यकाल के दौरान नाम मात्र के उद्योग मौके पर लगे हुए हैं। बल्कि उद्योग कागजी फाइलों में चल रहे हैं।
महाप्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर यह खेल खेला जा रहा है। इनके द्वारा 10-12 वर्षों से प्लाटधारियों को नोटिस तक नहीं दिया जाता तथा कुछ प्लाटों पर दबाव बनाकर प्लाटों का हस्तांतरण किया जा रहा है। कई प्लाटों पर आयुक्त उद्योग विभाग ने उद्योग लगाने के लिए नोटिस के बाद 6 माह का समय दिया था लेकिन उद्योग तो नहीं लगे बल्कि इन प्लाटों का हस्तांतरण कर दिया गया जो जांच का विषय है। महाप्रबंधक उद्योग द्वारा उद्योग विभाग को आवंटित जमीनों में संशोधित नक्शा बनाकर मौके पर प्लाटों का हस्तांतरण किया जा रहा है। नगर एवं ग्राम निवेश से स्वीकृत नक्शे में बदलाव कर सड़कों के स्वरूप को भी बदल दिया गया। 14 जून को उद्योग विभाग द्वारा एक ऑफर प्रक्रिया निकाली गई जिसमें 10 नंबर प्लाट का भी ऑफर निकाला लेकिन मौके पर 10 मीटर ही जमीन है। इसके बावजूद भी महाप्रबंधक द्वारा ऑफर प्रक्रिया सम्पन्न कराई जा रही है जबकि पूर्व से कई प्लाटधारी माननीय हाईकोर्ट से स्टे पर हैं। स्टे के बावजूद कई प्लाटों का हस्तांतरण हुआ एवं एक प्लाट पर तो अवैध रूप से प्लास्टिक बर्तन फैक्ट्री संचालित हो रही है। इनके कार्यकाल की यदि कमेटी बनाकर जांच की गई तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा। पूरे विभाग में बिना फीलगुड के कोई काम नहीं किया जा रहा। ज्ञापन में 8 बिन्दुओं पर जांच की मांग की गई है। उद्योग विभाग के भ्रष्टाचार के कारण जहां मप्र शासन को करोड़ों रूपए के राजस्व की हानि हो रही है वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि भी इन अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण धूमिल हो रही है।
ज्ञापन सौंपने वालों में सुशील दुबे, राजेन्द्र तिवारी गुरू, डॉ. दिनेश पाठक नाना, पंकज पहारिया, पंकज मोदी, भारतेन्दु गुप्ता, मकबूल खान, जगत कुशवाहा, मनोज समारी, कुलदीप अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, राहुल गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।