छतरपुर। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, इसका मकसद है कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना। कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी जरूर है, लेकिन लाइलाज नहीं है सही समय पर इलाज सकारात्मक सोच, उम्मीद और हिम्मत के साथ इस बीमारी को मात दी जा सकती है। विश्व कैंसर दिवस पर छतरपुर में पदस्थ पहली महिला कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शालू वर्मा सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिकतर लोग जो यह समझते है कि कैंसर की बीमारी छूने से फैलती है तथा कैंसर का नाम सुनते लोग बहुत डर जाते है तथा लोगों के मन में यह गलत धारणा बनी हुई है कि कैंसर का इलाज बेहद महंगा होता है जबकि ऐसा पूरी तरह सच नहीं है। आम बीमारियों की तरह ही सही समय पर कैंसर के लक्षणों की पहचान कर कम समय में इसका इलाज कराने से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। यही वजह है कि कैंसर के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम करने और कैंसर के मरीजों को मोटिवेट, सही जानकारी से अवगत कराने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। वैसे तो कैंसर महिला, पुरुष और बच्चों किसी को भी हो सकता है। लेकिन मुख्यत: महिलाओं में पांच प्रकार के कैंसर अधिक घातक माने जाते है। महिलाओं को सर्वाधिक होने वाले 5 प्रमुख कैंसर चिन्हित किए गए हैं। हर साल लगभग 7 लाख नए कैंसर मरीज सामने आते हैं। सही समय पर रोग की पहचान हो जाए तो इस जंग में जीत जिंदगी की होगी। महिलाओं में आमतौर पर स्तन, गर्भाशय, कोलोरेक्टल, अंडाशय और मुंह का कैंसर के मामले अधिक देखे जाते हैं।
पूर्व में जिला चिकित्सालय में कैंसर रोग की विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ रहीं डॉ. शालू वर्मा सोनी जो वर्तमान में मेट्रो सिटी अस्पताल की संचालक है उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में कैंसर को लेकर जागरूकता की बहुत कमी है। महिलाओं में कैंसर का पता तीसरे या चौथे स्टेज में लगता है जिससे मरीज के बचने की आशंका कम रह जाती है। महिलाओं में कैंसर के कई कारण हैं। स्तन और ओवेरियन कैंसर के 6-8 प्रतिशत मामले आनुवंशिक होते हैं। जीवनशैली से जुड़े कारणों में मोटापा, धूम्रपान व शराब का सेवन शामिल है। कई मामलों में मासिक धर्म जल्दी शुरू होना या देर से बंद होना भी इसका कारण हो सकते हैं।  
कैंसर क्या है?-
शरीर में होने वाली असामान्य और खतरनाक स्थिति, जिसमें कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है उसे कैंसर कहते है। कैंसर शरीर में होने वाली असामान्य स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं असाधारण रूप से बढऩे लगती है और बढ़ी हुई चर्बी की एक गांठ बन जाती है। जिसे ट्यूमर  कह सकते है। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। कैंसर के लक्षण की बात करें तो शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो न भरे। लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गॉंठ या सूजन। स्तनों में गांठ होना या रिसाव होना मल, मूत्र, उल्टी और थूंक में खून आना। आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन, लम्बे समय तक लगातार खांसी। बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी आदि।
कैंसर से बचाव के उपाय-
डॉ. शालू वर्मा सोनी ने बताया कि धूम्रपान, तम्बाकू, सुपारी, चना, पान, मसाला, गुटखा, शराब आदि का सेवन न करें। विटामिन युक्त और रेशे वाला ( हरी सब्जी, फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खायें। कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायनों से युक्त भोजन धोकर खायें। अधिक तले, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने और अधिक नमक में सुरक्षित भोजन न खायें। अपना वजन सामान्य रखें। नियमित व्यायाम करें नियमित जीवन बितायें। साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करने में योगदान दें। प्रारम्भिक अवस्था में कैंसर के निदान के लिए निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान दें मुंह में सफेद दाग या बार-बार होने वाला घाव। शरीर में या स्वास्थ्य में किसी भी असामान्य परिवर्तन को अधिक समय तक न पनपने दें। नियमित रूप से जाँच कराते रहें और अपने चिकित्सक से तुरन्त सम्पर्क करें। उन्होंने कहा कि याद रहे  प्रारम्भिक अवस्था में निदान होने पर ही सम्पूर्ण उपचार सम्भव है।