छतरपुर। किशनगढ़ क्षेत्र के ग्राम मतीपुरा, सुराई, बिला, रायचौक सहित करीब आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला मुख्याल पर जनसुनवाई में आवेदन देकर बताया कि वे जिस जमीन पर पुरखों के जमाने से रहते आ रहे हैं और खेती करते आ रहे हैं वर्तमान में वह जमीन प्रशासन द्वारा वन विभाग को सौंप दी गई है और अब वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को आवेदन देकर आबादी भूमि को राजस्व विभाग के अंतर्गत रखे जाने की मांग की है।
ग्रामीण सुरेश चनपुरिया, रतीराम यादव आदि ने बताया कि पिछले करीब 200 सालों से वे जिस जमीन पर रहते हुए खेती-किसानी का काम करते आ रहे हैं, वर्तमान में वह जमीन राजस्व विभाग से लेकर वन विभाग को दे दी गई है। संबंधित जमीनों के पट्टे भी ग्रामीणों के पास हैं लेकिन वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आए दिन गांव पहुंचकर ग्रामीणों को जमीन से बेदखल कर रहे हैं, जिस कारण से ग्रामीण बेहद परेशान हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस जमीन पर रहने और खेती करने के अलावा उनके पास अन्य कहीं भी जमीन-जायदाद नहीं है अगर उनकी जमीनें छीनकर उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा तो वे अपने परिवारों को कहां ले जाएंगे। कलेक्टर को आवेदन देकर ग्रामीणों ने उक्त आबादी वाली जमीनों को राजस्व विभाग में यथावत रखे जाने की मांग की है।