छतरपुर। बीती शाम शहर के ओरछा रोड थाना में उस वक्त हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई जब शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे एक अहिरवार परिवार के सदस्यों को पुलिस ने कुछ समय के लिए थाने में बंद कर दिया। दरअसल पुलिस प्रशासन की टीम शनिवार की शाम नौगांव रोड पर स्थित सौंरा मौजा की एक जमीन का सीमांकन करवाने पहुंची थी जहां अहिरवार परिवार के लोग हंगामा करने लगे। काफी समझाइश के बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस हंगामा करने वालों को गाड़ी बैठाकर थाने ले गई। इसके बाद उक्त लोगों ने थाने के भीतर जमकर चीख-पुकार मचाई और आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट की गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सौंरा मौजा में स्थिति 440 आरे जमीन छतरपुर निवासी रामदयाल अहिरवार की है, जिसे रामदयाल ने करीब एक वर्ष पूर्व दीपेन्द्र चौरसिया निवासी छतरपुर को 59 लाख रुपए में बेचा था और जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। शनिवार की शाम करीब 5 बजे दीपेन्द्र चौरसिया, नायब तहसीलदार इंदू गौड़ और पटवारी को साथ लेकर जमीन का सीमांकन कराने गया था। प्रशासनिक अमले के साथ दो थानों की पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। जैसे ही सीमांकन की कार्रवाई शुरु की गई वैसे ही रामदयाल अहिरवार के परिजन रमेश प्रसाद अहिरवार उम्र 44 वर्ष, कुंवर बाई, पुत्र विकास अहिरवार उम्र 15 वर्ष, कोमल अहिरवार उम्र 19 वर्ष और पुत्री दीपा अहिरवार उम्र 17 वर्ष ने हंगामा करना शुरु कर दिया। काफी समझाइश के बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस सभी को गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। इस मामले में जमीन बेचने वाले रामदयाल अहिरवार का कहना है कि उसके पुत्र तथा परिवार के अन्य सदस्य उसके साथ मारपीट करते थे, जिसके चलते उसने अपने हिस्से की जमीन दीपेंद्र चौरसिया को बेची थी।
अहिरवार परिवार ने लगाए यह आरोप
अहिरवार परिवार की दीपा का आरोप है कि दीपेन्द्र चौरसिया द्वारा जबरन उसकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, जब हमने विरोध किया तो पुलिस हमें गाड़ी में भरकर थाने ले गई और पूरे परिवार को कमरे में बंद कर पीटा गया। दीपा के मुताबिक जिस जमीन का सीमांकन किया जा रहा है उस जमीन का प्रकरण अभी न्यायालय में लंबित है, जब तक सुनवाई नहीं होती तब तक जमीन का क्रय-विक्रय अथवा सीमांकन किया जाना गलत है। दीपा ने यह भी आरोप लगाया है कि दीपेंद्र द्वारा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पैसे देकर विधायक से सिफारिश लगवाई गई है, जिसके बाद जमीन का जबरन सीमांकन किया जा रहा है। दीपा के मुताबिक उक्त जमीन पर उसका परिवार पिछले 35 वर्षों से काबिज है और परिवार के भरण-पोषण एक मात्र स्रोत यह जमीन है।
सीएसपी ने आरोपों को किया खारिज
छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि रामलाल अहिरवार निवासी सौंरा द्वारा दीपेंद्र चौरसिया को जमीन बेची गई थी, जिसमें रामलाल के पुत्र बबलू और तुलसी की सहमति थी, लेकिन जब दीपेंद्र चौरसिया जमीन का सीमांकन कराने गए तो रामलाल के परिजनों ने विरोध शुरु कर दिया और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की गई। महिलाएं सड़क पर लेटकर विरोध कर रही थीं और खुद की जान को खतरे में डाल रही थीं, इसलिए उन्हें थाने ले जाया गया और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। अहिरवार परिवार द्वारा पुलिस पर लगाए मारपीट के आरोपों पर सीएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, किसी के साथ भी मारपीट नहीं की गई है। हमारे पास महिलाओं के जमीन पर लेटने वाले वीडियो भी मौजूद हैं। वहीं इस मामले में जब नायब तहसीलदार से सवाल किए गए तो वे सवालों के जवाब देने से बचतीं नजर आईं।