छतरपुर  सागर रोड पर जमुनिया पुल स्थित जनक विहार कॉलोनी के रहवासी इन दिनों बेहद मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कॉलोनी को जाने वाली कच्ची रास्ता मैं ऊपर से पुल बना हुआ है। पुल के नीचे से शहर का सबसे बड़ा नाला निकला है। जिस कारण कॉलोनी को जाने वाली कच्ची रास्ता पूरी तरह कट चुकी है। रास्ते में जगह-जगह पानी भरा हुआ है तथा बड़े-बड़े गड्ढे हो गय हे अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसाने वाले भूमाफियाओं के द्वारा प्लांट बेचते समय बिजली ब सड़क  की सुविधा देने की बात कही गई थी प्लाट की रकम लेकर भूमिया अपनी बात से मुकर गए हैं लेकिन 3 साल से यहां के रहवासी नगर पालिका से लेकर कॉलोनी बसाने वाले के चक्कर काट रहे।
जनक विहार कॉलोनी में करीब 50 से अधिक घर बने हुए है यह कॉलोनी छतरपुर नगरपालिका की वार्ड नंबर 35 में आती है। यहां पर मकान बनाने वाले लोगों का कहना है कि वह प्रत्येक साल नगर पालिका में सभी तरह के टैक्स जमा करते हैं। कई बार अध्यक्ष व सीएमओ को अपनी परेशानियों से अवगत भी कराया है लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
करोड़ों रुपए का सरकार को स्टांप शुल्क का हुआ नुकसान
जिस क्षेत्र में प्लाट काट कर यह कॉलोनी बसाई गई है वह बगोता मौजा की कृषि भूमि है। उक्त भूमि पर कई वर्षों से खेती की जा रही थी। भूमाफियाओं के द्वारा किसानों से यह जमीन खरीद कर सीधे ग्राहकों को प्लाट काट कर बेंच दी जिसमें किसी भी प्रकार से कोई अनुमति नहीं ली गई है ना ही उक्त भूमि का कन्वर्जन करवाया गया और ना ही ग्राम नगर निवेश से कोई अनुमति ली गई। कृषि भूमि होने के कारण स्टांप शुल्क बेहद कम दर्शाया गया। रजिस्ट्री के समय ग्राहकों को डेढ़ लाख रुपए का स्टांप  शुल्क जमा करवाया गया तथा प्लाट खरीदने वाले से 5 से 6 लाख रूपए लिए गय हजारों लोगों को यहां पर प्लांट दे दिए गए हैं जिसमें सरकार को करोड़ों रुपए के स्टांप शुल्क के रूप में राजस्व की हानि हुई है।
यहां पर निवास कर रहे दिनेश तिवारी पैसे से सरकारी शिक्षक है उनका कहना है कि वह विकलांग है तीन पहिया वाली मोटरसाइकिल से घर से स्कूल जाते हैं लेकिन सड़क पर पानी और गड्ढे होने से आए दिन वह हादसे का शिकार हो जाते हैं। कॉलोनी में  निवास कर रहे हरबंस चतुर्वेदी  रूपेश दुबे अरविंद पांडे लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि स्कूली बच्चों से लेकर सभी लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। कॉलोनी में ना तो ठीक तरह से बिजली की व्यवस्था है डीपी तो रखी है लेकिन खंभे नहीं है लकडिय़ों (बल्ली) के सहारे एक घर से दूसरे घर को बिजली का तार पहुंचाया गया है जिससे आए दिन बल्ली टूट जाने से तार जमीन पर ही पड़ा रहता है लोगों को करंट लग जाने का डर भी बना रहता है। यहां की सड़क कच्ची होने की वजह से बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर यहां पर निवास कर रहे हैं। यहां किसी दिन बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है।