छतरपुर। राज्य आनंद संस्थान द्वारा जिला न्यायालय के एडीआर सेंटर में बुधवार को संपन्न एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल चौधरी ने प्रतिभागियों के फीडबैक को उत्साहवर्धक बताया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पहले खुद को पहचानना होगा, खुद को मजबूत करना होगा और सबकी मदद करनी होगी बजाए  इसके कि वह दूसरों के सामने मदद के लिए हाथ फैलाए। कार्यक्रम में युवा वकीलों ने सहभागिता की, कार्यक्रम का संचालन आनंद विभाग की ओर से लखन लाल असाटी, श्रीमती आशा असाटी, रामकृपाल यादव, शिवनारायण पटेल तथा कृष्णपाल सिंह परिहार द्वारा किया गया, जिला विधिक सहायता अधिकारी हेमंत कुशवाहा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
लखन लाल असाटी ने प्रतिभागियों का ध्यान सुविधा,संबंध और समझ पर केंद्रित कराया तथा उनकी प्राथमिकता भी तय करने को कहा, सुखपूर्वक जीने के लिए सुविधा से अधिक संबंधों की आवश्यकता है और सुविधा तथा संबंध को ठीक-ठाक जानने के लिए समझ की जरूरत सबसे पहले दिखाई देती है, परंतु जीना कुछ इस तरह से हो रहा है कि समझ को सबसे नीचे और सुविधा को सबसे ऊपर स्थान दे रहे हैं।
आशा असाटी और शिव नारायण पटेल ने जीवन का लेखा-जोखा के माध्यम से प्रतिभागियों को मदद, कृतज्ञता और क्षमा के भाव पर केंद्रित किया। कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप के माध्यम से प्रतिभागियों का ध्यान अपने परिवार की ओर गया, प्रतिभागियों में कुलदीप यादव, कुंवर कुशवाहा, संजय अहिरवार,पवन अहिरवार, रामचंद्र अहिरवार,तुलसीदास पटेल, विजय पटेल, राजकुमार अहिरवार, शिवि असाटी, पूनम रैकवार, सोनू सोनी, हरकुंवर अहिरवार, रविंद्र सिंह आर्य, रूपेंद्र प्रताप सिंह, शिवम मिश्रा पार्वती प्रजापति  शिवालिक परमार, शशी पटेल, पूनम रैकवार, ओमप्रकाश कुशवाहा आदि ने अल्पविराम कार्यक्रम के दौरान उन्हें हुए अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह उनके जीवन से जुड़ा हुआ कार्यक्रम है, इस कार्यक्रम के माध्यम से उनका खुद के शरीर, परिवार, समाज और प्रकृति पर ध्यान गया है।
जीवन में नहीं खरीदूंगी गैर जरूरी कपड़े
खजुराहो से सम्मिलित पूनम रैकवार ने कहा कि उनका पूरा परिवार पौधारोपण को समर्पित है, इस कार्यक्रम के माध्यम से उनका ध्यान इस और भी गया है कि जितने भी हम कपड़े पहनते हैं वह प्रकृति से आते हैं, इसके लिए पेड़ भी नष्ट होते हैं अब वह आज यहां संकल्प लेती हैं कि आवश्यकता से अधिक कोई कपड़ा आजीवन नहीं खरीदेंगे, तुलसीदास पटेल ने कहा कि जीवन में पहली बार उनका ध्यान खुद की ओर गया है, पार्वती प्रजापति ने कहा कि समाज में गल्र्स को बहुत अधिक सपोर्ट की आवश्यकता है, शिवार्थ सिंह बुंदेला ने कहा कि पहली बार अपनी खुद की गलतियों की ओर उनका ध्यान गया है, युवा वकीलों ने कहा कि वह आनंद विभाग की गतिविधियों से लगातार जुडऩा चाहते हैं।