परमात्मा को करावनहार और स्वयं को मैनेजर समझ मैनेज करें तो बोझरहित रहेंगे: बीके रमा

छतरपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा पेप्टिक टाउन स्थित बीके पाठशाला में घर बने मंदिर विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति से की गई तत्पश्चात बीके रमा ने कहा कि हम सब अपने को अपने घर का मैनेजर समझ हर चीज को मैनेज करें और परमात्मा को अपना मालिक समझें कि करावनहार करा रहा है और हम करनहार बन कार्य कर रहे हैं तो कभी भी हमें भारीपन महसूस नहीं होगा और घर में चिड़चिड़ेपन का माहौल पैदा नहीं होगा तभी हम हल्के होकर प्रसन्न रह सकेंगे और सबको भी प्रसन्न रख पाएंगे।
बीके कल्पना ने कहा कि घर को मंदिर बनाने के लिए सबसे पहले स्वच्छता की आवश्यकता है क्योंकि मंदिर जितना स्वच्छ होगा उतनी ही सुंदर वहां मूर्ति स्थापित होंगी। मंदिर में तो एक या दो मूर्ति स्थापित होती हैं लेकिन आपके घर में कितनी चैतन्य मूर्तियां हैं इसलिए अपने घर को मंदिर समझ कर रहें तो ऑटोमेटिक मन की पवित्रता से घर में सुख शांति भी आएगी।
इस अवसर पर बीके कल्पना शिल्पा बहन द्वारा म्यूजिकल एक्सरसाइज के साथ-साथ अन्य ज्ञानवर्धक एक्टिविटी कराईं गईं। कार्यक्रम के अंत में सभी ने घर को मंदिर बनाने का संकल्प लिया उसके लिए बहनों द्वारा सभी को संकल्प सूत्र के रूप में रक्षासूत्र बांधा गया ताकि सबको याद रहे कि मुझे यह कार्य मिला है मुझे करना है। इस संगोष्ठी में पेप्टिक टाउन की सभी गणमान्य महिलाओं ने भाग लिया और सभी ने आपस में घर को मंदिर बनाने की वर्कशॉप की जिसमें बहुत अच्छे-अच्छे टिप्स एक दूसरे से सांझा किया।