25 वर्ष पुरानी उपयोग हो चुकी ईंटों के टुकड़ों से बन रही खजुराहो एयरपोर्ट परिसर की नई बाउंड्री वॉल

खजुराहो। पर्यटन नगरी खजुराहो के एयरपोर्ट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट परिसर की नई बाउंड्री बॉल का निर्माण किया जा रहा है,गौरतलब है कि खजुराहो एयरपोर्ट की चारों तरफ की बाउंड्री पुरानी होने के कारण जर्जर हालत में हो गई थी जिसे विभाग द्वारा ढहा कर नए सिरे से बनवाया जा रहा है,जिसके निर्माण का जिम्मा स् ्य कंस्ट्रक्शन बनारस को टेंडर के माध्यम से दिया गया है,लेकिन उक्त निर्माण एजेंसी के ठेकेदार द्वारा बाउंड्री बॉल निर्माण में अमानक निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करके गंभीर अनियमितताऐं की जा रही हैं,मौके पर देखने में पाया गया कि निर्माण में लगभग 25 वर्ष पुरानी उपयोग में आ चुकी पुरानी ढहाई गई दीवार और मकानों की बेकार हो चुकी टूटी फूटी ईंटों का इस्तेमाल किया गया,साथ ही मिट्टी युक्त अमानक और घटिया रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है,दीवार के प्लर में गिट्टी के साथ पुरानी ईंटों के टुकड़ों को मिलाया जा रहा है,मौके पर देखने में पाया गया कि निर्माण सामग्री में सीमेंट का मिश्रण कम मात्रा वाला है,निर्माण सामग्री का मिश्रण फ्लूरी द्वारा दूर से लाया जाता है जिसे 16 घंटे बाद उपयोग में लाया जाता है,जो वहीं सेट हो जाता है जिसे कुदारी से तोड़कर फिर पिलर के उपयोग में लिया जाता है,जबकि इंजीनियर बताते हैं कि कोई भी सीमेंट का मिश्रण 12 घंटे बाद अपनी गुणवत्ता विहीन हो जाता है,और हां ये सब निर्माण में लगे कारीगर और मजदूरों के हवाले चल रहा है,निर्माण स्थल पर विभाग के साईड इंजीनियर भी जिम्मेदारी से नहीं जाते सूत्रों की माने तो वे उमस,गर्मी और बारिश से बचने ्रष्ट चेंबर में ही आराम फरमाते रहते हैं,जब इस घटिया निर्माण के बारे में निर्माण एजेंसी के मैनेजर से बात की तो उन्होंने कहा कि आपका हो जायेगा,सरकारी काम है ऐसे ही होते हैं,अब आपसे क्या छिपाना आप सब जानते हैं कहां कहां किस किस को कमीशन का पैसा देना पड़ता है,इस संबंध में खजुराहो एयरपोर्ट विभाग में पदस्थ इंजीनियर ऋषि चौरसिया को अवगत कराया और वीडियो दिखाए तो उन्होंने उक्त गड़बडिय़ों को माना और साइड इंजीनियर देवाशीस मिश्रा को बुलाकर पूछा कि साइड पर ये क्या चल रहा है,हालांकि उन्होंने बताया कि विभाग ने ठेकेदार को निर्माण में उन साबुत ईंटों को इस्तेमाल करने की अनुमति दी है जो मानक पैमाने पर ठीक हों,लेकिन अमानक सामग्री का इस्तेमाल गंभीर है,मैं दिखवाता हूं,गौरतलब है कि खजुराहो एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा की जिम्मेवारी सीआईएसएफ पुलिस के हवाले है,सूत्रों की माने तो सुरक्षा एजेंसी की मांग पर विभाग ने मजबूत दीवारों को लगभग 8 फुट की ऊंचाई के साथ उसके ऊपर लगभग डेढ़ फुट की कटीली तारों वाली जाली लगाने का काम किया जा रहा है,अगर दीवार घटिया बनीं और टूटी तो एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा पर खतरे का संकट बन जाता है,कई बार देखा गया कि जंगली जानवर टूटी दीवारों से अंदर घुसकर रनवे तक पहुंच जाते हैं जिससे फ्लाइट संचालन के टेक ऑफ और लैंडिंग प्रक्रिया को खतरा बन जाता है।