शराब फैक्ट्री के कैमिकल युक्त पानी से नष्ट हो रहीं फसल

नौगांव। शहर में संचालित शराब फैक्ट्री के कैमिकल युक्त पानी से न केवल आसपास के किसानों की फसलें खराब हो रही हैं बल्कि क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों के जलस्रोतों का पानी भी दूषित हो गया है। लोग इस दूषित पानी का इस्तेमाल निस्तार के लिए भी नहीं कर पा रहे हैं। आरोप है कि फैक्ट्री संचालक द्वारा कैमिकल युक्त पानी से लोगों को बचाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था नहीं की गई है और खुले में इस पानी को छोड़ा जा रहा है, जिससे फसलें और जलस्रोत प्रभावित हो रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नौगांव से सटे ग्राम शिकारपुरा के समीप संचालित जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड कॉक्स इंडिया डिस्टलरी शराब फैक्ट्री के संचालक द्वारा पर्यावरण नियमों का पालन न करते हुए प्रदूषण बोर्ड के नियमों को हवा में उड़ाकर जहरीले, बदबूदार अपशिष्ट पानी को खुले नाले और सीलप नदी सहित आसपास की भूमि पर छोड़ा जा रहा है। फैक्ट्री के अंदर से निकली अंडरग्राउंड पाइपलाइन के माध्यम से करीब आधा किमी दूर मौजूद नर्सरी के लिए आरक्षित भूमि पर इस अपशिष्ट विषैले पानी को दो बड़े-बड़े पक्के गड्ढों में स्टोर किया जाता है और इसके बाद रात के अंधेरे में सीलप नदी सहित आसपास की भूमि पर छोड़ दिया जाता है। फैक्ट्री संचालक ने नाम के लिए एमईई (मल्टी इफेक्टिव एवं ऑपरेटर) संयंत्र लगा रखा है लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। संम्बधित विभाग एवं प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण शंकर सिंह यादव ने बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाले विषैले पानी के कारण करीब 1 किलोमीटर एरिया में मोजूद कुएं, हैंडपंप, ट्यूबबेल सहित अन्य जलस्रोतों का पानी दूषित हो गया है। हालात यह हैं कि इस पानी का प्रयोग नहाने के लिए भी नहीं कर पा रहे हैं। यदि इस पानी से नहाते हैं तो शरीर से बदबू आने के साथ-साथ खुजली शुरु हो जाती है। किसान नरेंद्र यादव बताते हैं कि फैक्ट्री के आसपास मौजूद खेतों की फसलें दूषित पानी के कारण खराब हो रही हैं। इसके साथ ही इस विषैले पानी के सेवन से मवेशी की मौत भी हो रही है। खेतों की उर्वरा शक्ति प्रभावित होने के साथ-साथ उपज के स्वाद में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।