छतरपुर। कलेक्टर पार्थ जैसवाल द्वारा नवीन सत्र 2025-26 प्रारंभ होने के परिपेक्ष्य में एवं अभिभावकों से अशासकीय विद्यालयों द्वारा पुस्तकें, गणवेश व अन्य शैक्षिक सामग्री के अनुचित एवं अधिक कीमत वसूलने के संबंध में समय-समय पर प्राप्त शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुये तीन सदस्यीय ब्लॉक स्तरीय समिति का गठन किया गया था। उक्त समिति द्वारा विगत दिनों किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट जिला स्तरीय समिति को भेजी गई जिसके आधार पर कलेक्टर श्री जैसवाल द्वारा अशासकीय डीपीएस स्कूल, क्रिश्चियन, शीलिंग होम, सुमति एकेडमी, एडिफाई, डीसेन्ट स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव तलब किया गया।
उक्त सभी अशासकीय स्कूलों द्वारा मध्य प्रदेश शासन मान्यता नियम 2017 एवं संशोधित नियम 2020 में निहित प्रावधानो का उल्लघन किया जाना पाया गया है। अत: क्यो न सम्बंधित से मान्यता नियम 2017 में निहित प्रावधानो के अंतर्गत 2  लाख रुपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुए, मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाए ? इस आशय का समाधानकारक स्पष्टीकरण 02 दिवस में अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। आपके द्वारा समयावधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करने अथवा प्रस्तुत स्पष्टीकरण समाधानकारक नही पाये जाने पर प्रस्तावित कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिये सम्बंधित स्वयं उत्तरदायी होंगे।
जांच में मिली इन कमियों के आधार पर हुई कार्यवाही
3 अप्रैल 2025 को एसडीएम सहित दल द्वारा डी.पी.एस. (दिल्ली पब्लिक स्कूल) पन्ना रोड  में स्कूल के निरीक्षण में भण्डार कक्ष में विक्रय हेतु पुस्तकें, ड्रेस एवं कापियां पाई गई। कापियों के कॅवर पर डी.पी.एस. का लोगो भी छपा हुआ था एवं कापियों पर विक्रय मूल्य अंकित नही पाया गया। कापियां एवं पुस्तकें कक्षावार बण्डल बनाकर रखे पाये गये। इसी प्रकार से स्कूल की ड्रेस मी भण्डार कक्ष में अलमारी एवं बोरियों में पैक रखी पाई गई। जिससे स्पष्ट है कि यह सामग्री विद्यालय के काउन्टर से ही विक्रय की जाती है। उक्त सामग्री की सूची एवं पंचनामा समस्त दल के समक्ष बनाया गया। साथ ही 1 अप्रैल को पुस्तक मेले में प्रशासन द्वारा आयोजित पुस्तक मेले में उक्त स्कूल की पुस्तकें किसी भी स्टॉल पर उपलब्ध नही थी।
 इसी क्रम में 3 अप्रैल को क्रिश्चियन इंग्लिश कॉलेज छतरपुर का संयुक्त दल द्वारा किए गए स्कूल निरीक्षण में पाया गया कि आईसीएसई बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू है। आईसीएसई बोर्ड की पुस्तके एवं ड्रेस आदि स्कूल से विक्रय होना नही पाया गया। किंतु बच्चों से बातचीत से यह स्पष्ट हुआ कि विद्यालय की पुस्तकें निश्चित दुकानों (अग्रसेन बुक डिपो, ओके एण्ड जेके, राधा बल्लम) पर ही विक्रय हेतु उपलब्ध रहती है। साथ ही पुस्तक मेला में किश्चियन इंग्लिश स्कूल की पुस्तकें विक्रय हेतु उपलब्ध नही होने के कारण तत्काल स्कूल प्रबंधन को पुस्तक मेला में पुस्तकें विक्रय हेतु स्टॉल लगवाने हेतु निर्देशित किया गया।  साथ ही विद्यालय संबंधी आवश्यक जानकारियां जैसे प्रवेश प्रक्रिया, फीस विवरण, पुस्तक, स्टेशनरी इत्यादि नोटिस बोर्ड पर चस्पा नही पाई गई। इसके अलावा पुस्तक मेले में उक्त स्कूल की पुस्तकें किसी भी स्टॉल पर उपलब्ध नही थी।
शीलिंग होम पब्लिक स्कूल में एसडीएम अखिल राठौर ने दल द्वारा शीलिंग होम पब्लिक स्कूल का निरीक्षण किया गया। विद्यालय परिसर के गेट क 01 के बगल में दो दुकानों में स्कूल की ड्रेस टाई, बेल्ट एवं कितायें विक्रय हेतु बहुत अधिक मात्रा में रखी हुई पाई गई। शासन के निर्देशों के बावजूद भी दिनांक 01 से 05 अप्रैल तक विद्यालय की पुस्तकें पुस्तक मेला में छात्रों को उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके लिए विद्यालय प्रबंधन को निर्देशित किया गया। पुस्तक क्रय हेतु विद्यालय में उपस्थित अभिभावक रमजान खॉन के अनुसार उनका पुत्र मो. अशद खॉन आरटीई के तहत कक्षा 4 में अध्ययन करता है जिस पर पुस्तक एवं ड्रेस विद्यालय से क्रय करने हेतु दबाव बनाया जाता है।
इसके अलावा सुमति एकेडमी में संयुक्त दल द्वारा निरीक्षण किया गया। विद्यालय में कक्षा 1 से 5वीं तक प्राइवेट पब्लिकेशन की पुस्तकें संचालित पाई गई। कक्षा 6वीं से 12वी तक एनसीईआरटी पुस्तकें संचालित पाई गई। पुस्तक मेले में पुस्तके उपलब्ध कराने एवं डिस्कांउट प्रदान करने के संबंध में निर्देशित किया गया।
इसी प्रकार एडिफाई स्कूल के निरीक्षण में विद्यालय में कक्षा 1 से 5वी तक प्राइवेट पब्लिकेशन की पुस्तकें संचालित पाई गई। निरीक्षण के दौरान पाया गया 1 से 5वीं तक की पुस्तकें स्कूल हेडक्वार्टर हैदराबाद से सीये रामा जंक्शन बुक सेलर के पास आती है जहाँ से विद्यार्थियों के द्वारा ली जाती है विद्यालय द्वारा यही पुस्तके खरीदने हेतु दबाव बनाया जाता है। कक्षा 6वी से लेकर 12वी तक एनसीईआरटी की बुक्स चलती है कक्षा 1 से 5वी तक की किताबों में एडीफाई एजुकेशन प्राइवेट लि. अंकित पाया गया। किताबों पर विक्रय मूल्य अंकित नही पाया गया। शासन के निर्देशों के बावजूद भी पुस्तक मेले में पुस्तके उपलब्ध नहीं कराई गई। पुस्तक मेले में पुस्तके उपलब्ध कराने एवं डिस्कांउट प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया।
डीसेन्ट पब्लिक स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक आर.पी प्रजापति द्वारा विद्यालय का निरीक्षण करते हुए विद्यालय में प्राइवेट पब्लिकेशन की पुस्तके संचालित पाई गई। विद्यालय संबंधी आवश्यक जानकारी जैसे प्रवेश प्रक्रिया, पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी आदि की जानकारी नॉटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई। पोर्टल पर फीस स्ट्रक्चर अपलोड नहीं किया गया। शासन के निर्देशों के बावजूद भी पुस्तक मेले मे पुस्तकें भेजने के लिए कार्यवाही नहीं की गई।