आदिवर्त संग्रहालय गांव में शुरू हुई 10वीं शलाका जनजातीय चित्र प्रदर्शनी
खजुराहो। आदिवत्र्त जनजातीय संग्रहालय द्वारा नवनिर्मित जनजातीय गांव में प्रदेश के जनजातीय चित्रकारों को चित्र प्रदर्शनी और चित्रों की बिक्री के लिये सार्थक मंच उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रतिमाह लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा में किसी एक जनजातीय चित्रकार की प्रदर्शनी सह विक्रय का संयोजन शलाका नाम से किया जाता है। इसी क्रम में 3 जनवरी 2024 से भील समुदाय के चित्रकार मुकेश बारिया के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन किया गया है। उक्त चित्र प्रदर्शनी 30 जनवरी,2024 तक निरंतर लगी रहेगी। मुकेश बारिया झाबुआ जिले के बावड़ी ग्राम से भील समुदाय के युवा चित्रकार हैं मुकेश बारिया ने भोपाल आकर चित्रकला प्रारम्भ की शुरुआत में बनाए हुए चित्रों की प्रतिकृतियाँ बनाने का अभ्यास किया। फिर धीरे-धीरे स्वयं की शैली विकसित कर ली। मुकेश पिछले लगभग पन्द्रह वर्षों से चित्रकारी कर रहे हैं और अपने जीवनानुभवों और जातीय संस्कार-बोध को रूपाकार दे रहे हैं। मुकेश के चित्रों में पशु-पक्षी,पेड़-पौधे एवं अपने पास-पड़ोस के वातावरण की झलक प्रमुखता से दिखाई देती है दिल्ली, मैसूर, बैंगलोर, हैदराबाद एवं विभिन्न कला-प्रदर्शनियों एवं चित्र-शिविरों में सक्रिय भागीदारी की है,मुकेश की कई प्रतिष्ठानों एवं संस्थानों के संग्रह में कला-कृतियों को संकलित किया गया है।