2751 मीट्रिक टन डीएपी खाद की रैक हरपालपुर पहुंची
हरपालपुर। जिले में डीएपी खाद की कमी बनी हुई है। किसानों को समय बोबनी के लिए खाद नहीं मिल पाने से परेशान होना पड़ रहा है। बीते एक माह से अधिक समय से डीएपी खाद की एक बोरी के लिये किसानों को सुबह कतारों में धक्के खाने पड़ रहे हैं।
गुरुवार को किसानों के लिए राहत भरी खबर आई
हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर सुबह 11 बजे 2742 मीट्रिक टन डीएपी खाद पहुंचा, जिसे मार्कफेड गोदामों एवं सोसायटियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाएगा। यह खाद गुरुवार सुबह हरपालपुर स्टेशन के रैक पॉइंट पर पहुंचा। पहले कृषि विभाग द्वारा बुधवार 6 तारीख रैंक आने की संभावना जताई जा रही थी।
जैसे ही रैक प्वाइंट पर मालगाड़ी आई वैसे ही परिवहन ठेकेदार रणछोर चौरसिया द्वारा कृषि विभाग की निगरानी में ट्रकों में लोड कराकर मार्कफेड गोदामों के लिए रवाना होना शुरू हो गया है। कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी सूरजभान पटेल ने उम्मीद जताई कि किसानों को जो डीएपी की कमी रह गई अब उनको पर्याप्त डीएपी खाद मिल सकेगा। किसानों को डबल लॉक गोदामों एवं सहकारी समितियों से खाद का वितरण शुरू हो जायेगा।
राज्य सहकारी विपणन संघ सागर के द्वारा जारी योजना के मुताबिक फिलहाल छतरपुर के लिए 2751 मीट्रिक टन डीएपी खाद में 2080 मैट्रिक टन खाद को जिले भर के मार्कफेड गोदामों तक भेजा जाएगा। इसमें छतरपुर को 150, बड़ामलहरा को 200, घुवारा को 200, बमीठा को 250 और चंदला 200, लवकुशनगर के भण्डारण केन्द्र को 200 मीट्रिक टन खाद भेजा जा रहा है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छतरपुर 500 मैट्रिक टन, एमपी एग्रो 90 टन, बुन्देलखड़ क्रय विक्रय विपरण संघ नौगॉव 60, छत्रसाल विपरण सहकारी समिति राजनगर 60 टन खाद भेजा जा रहा है। इसके अलावा टीकमगढ़ जिले के पलेरा 120 टन डीएपी भेजा जा रहा है। इन भण्डारण केन्द्रों से ही खाद विभिन्न सोसायटियों तक पहुंचाया जाएगा।