लोक अदालत की 34 खंडपीठों पर निराकृत हुए 2 हजार मामले
छतरपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशन में एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन में एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छतरपुर की अध्यक्षता में शनिवार को वर्ष 2024 की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत के तहत संपूर्ण जिले में कुल 34 खंडपीठों का गठन किया गया था, जिनमें प्री लिटिगेशन के 1000 से अधिक मामलों सहित करीब 2 हजार मामलों का निराकरण हुआ और करीब 7 करोड़ का राजस्व वसूला गया। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय के लंबित या मुकदमे के रूप में दाखिल नहीं किए गए मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया गया।
सुखद भविष्य की ओर बढऩे का माध्यम है लोक अदालत: जिला जज रविंदर सिंह
जिला जज रविंदर सिंह ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से फैमिली कोर्ट, विद्युत चोरी, चैक बाउंस, कंपाउंड टेबल, बैंक आदि के प्रकरणों का पक्षकारों ने आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराया है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में किसी पक्ष की हार नहीं होती, बल्कि दोनों पक्षों की जाती होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत, पक्षकारों के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में सुखद भविष्य की ओर बढऩे का माध्यम है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से पारिवारिक झगड़े में फंसे लोगों को यह समझाने का प्रयास किया गया है कि इस झगड़े का समाधान उनका आपसी समझौता है, अन्यथा आगे भी इसी तरह से समय और धन की बर्बादी होती रहेगी और किसी को कुछ हासिल नहीं होगा।
दो साल बाद फिर एक हुए संजय और अभिलाषा
अपासी मतभेद के चलते दो वर्ष पूर्व अलग हुए संजय और अभिलाषा ने शनविार को संपन्न हुई लोक अदालत में आपसी समझौता कर, एक बार फिर साथ रहने का फैसला लिया, जिसके लिए उपस्थित न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं द्वारा पुष्पहार पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। गंज बासौदा निवासी संजय आर्य ने बताया कि वर्ष 2012 में उसका विवाह सटई रोड छतरपुर की रहने वाली अभिलाषा के साथ हुआ था। विवाह के बाद उनकी एक संतान भी हुई, जिसकी उम्र वर्तमान में 6 वर्ष है। संजय ने बताया कि वर्ष 2015 से उसके और अभिलाषा के मतभेद होने लगे, जिसके चलते वर्ष 2022 में उन्होंने अलग होने का निर्णय ले लिया था। किंतु अलग होने के बाद उन्हें आभास हुआ कि उनका निर्णय गलत है। पिछले दिनों दोनों ने आपस में बात कर पुन: एक साथ रहने का निर्णय लिया और आज लोक अदालत में दोनों फिर से एक साथ हो गए हैं।
न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं ने किया रक्तदान
लोक अदालत के साथ ही न्यायालय परिसर में न्यायाधीशों द्वारा रक्तदान शिविर भी लगाया गया, जिसमें न्यायाधीशों ने अपने परिजनों के साथ रक्तदान किया। इसके अलावा कई अधिवक्ताओं ने भी रक्तदान शिविर में भाग लिया। शिविर में मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर की जिला परिषद के अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंदर सिंह ने अपनी पत्नी के साथ रक्तदान किया। इसके अलावा जिला न्यायाधीश विक्रम भार्गव, जिला न्यायाधीश अनिल चौधरी, जिला न्यायाधीश नरेश मेहरबान मीणा, उनकी पत्नी शैलजा, जिला न्यायाधीश हिमांशु शर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र रावत, न्यायिक मजिस्ट्रेट अरविंद गुर्जर, जिला विधिक सहायता अधिकारी हेमंत कुशवाहा सहित कई अधिवक्ताओं ने रक्तदान किया।