छतरपुर। छतरपुर के परंपरागत दशहरा पर्व को मनाने के लिए इस बार रावण के पुतले को विशेष स्वरूप दिया गया है। स्टेडियम में दशहरे के दिन जलने वाले रावण के इस पुतले को इस बार कलाकारों ने खास आकर्षण दिया है। रावण के पुतले का विशाल सिर इस बार चारों तरफ घूमकर लोगों को देखेगा। रावण का यह पुतला अन्नपूर्णा रामलीला समिति के द्वारा पिछले 20 दिनों से रामचरित मानस मैदान में बनाया जा रहा है जो आज पं. बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम में पहुंचेगा।
अन्नपूर्णा रामलीला समिति के कोषाध्यक्ष राधिका गुप्ता ने बताया कि अन्नपूर्णा रामलीला समिति पिछले 70 वर्षों से रामलीला मंचन के माध्यम से भगवान राम के जीवन दर्शन को जनमानस में पहुंचाने का काम कर रही है। दशहरे पर इस पुतले को बनाकर स्टेडियम में रखा जाता है जहां भगवान राम इसका दहन करते हैं। पुतला दहन की यह लीला बुराईयों के नाश का प्रतीक है। इस पुतले का निर्माण कर रहे कलाकार धर्मपाल रैकवार ने बताया कि लगभग 25 दिनों तक इस पुतले के निर्माण में 15 कारीगरों ने मेहनत की है। पुतले के निर्माण में पहले चार ढांचे बनाए जाते हैं फिर इन्हें एक-दूसरे के साथ जोड़कर कपड़े की सिलाई और आतिशबाजी भरी जाती है। इस बार रावण का सिर चारों तरफ घूमेगा। सिर के ऊपर एक विशेष छतरी और हाथ में विशेष तलवार भी होगी। रावण के पुतले के भीतर रंगबिरंगी आतिशबाजी भरी गई है। 24 अक्टूबर की रात 9 बजे स्टेडियम में पुतले का दहन किया जाएगा।