छतरपुर। जैन धर्मावलंबियों के आत्म आराधना के दस दिवसीय  पर्युषण पर्व के समापन के बाद नगर में श्रीजी की पालकी पूरी भव्यता और गरिमा के साथ धूमधाम से निकाली गई। अतिशय क्षेत्र डेरापहाडी जिनालय में मुनिश्री के प्रवचन हुए तथा श्रीजी का अभिषेक पूजन हुआ। इसके साथ ही क्षमावाणी पर्व मनाया गया।
मुनिद्वाय के सानिध्य में निकली भव्य पालकी-
प्रो सुमति प्रकाश जैन ने बताया कि दस दिवसीय  पर्युषण पर्व की सोल्लास समाप्ति पर एक अक्टूबर 23 रविवार को मुनिद्वय श्री विलोक सागर जी एवं श्री विवोध सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री जी की पालकी सुबह साढ़े सात बजे श्री नेमीनाथ जिनालय से पूरी भव्यता के साथ प्रारंभ  हुई, जो महल तिराहा, छत्रसाल चौक होते हुए अतिशय क्षेत्र डेरा पहाड़ी पहुंची। श्रद्धालुओं ने रास्ते में अपने अपने घरों के सामने चांदी की दो मोहक पालकियों में विराजे श्री जी की आरती  और वंदन किया। पालकी की शोभायात्रा में सभी श्रद्धालु अपनी अपनी मनोहारी ड्रेस कोड में सम्मिलित थे, जो भजनों की मधुर धुन पर थिरकते चल रहे थे।पुरुष सफेद कुर्ता धोती, महिलाएं केसरिया, पीली साड़ी एवं युवाजन अपने मंडलों की निर्धारित पोषाक पहने उमंग और उल्लास के साथ जयकारे लगाते चल रहे थे। शोभा यात्रा में श्रद्धालुजन दोनों पालकियों को बदल बदल कर अपने कंधों पर विराजमान कर आगे बढ़ रहे थे। छोटी बालिकाएं और बच्चे अनुशासित ढंग से शोभायात्रा में नृत्य करती और भगवान के जयकारे लगाते चल रहे थे। श्रद्धालुओं के हाथों में पंचरंगा जैन ध्वज पालकी की शोभा में चार चांद लगा रहे थे।
डेरापहाड़ी पर पालकी का हुआ स्वागत -
श्री जी की पालकी के जयजय अतिशय क्षेत्र पहुंचने पर पालकी का भावभीना स्वागत किया गया। यहां मुनिश्री विलोक सागर जी  ने अपने प्रवचन में पालकी महोत्सव का महत्व  बताते कहा कि भगवान के जलबिहार की परंपरा बहुत प्राचीन है, ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। प्रवचन के बाद श्री जी का अभिषेक पूजन पूरी धार्मिक प्रभावना के साथ किया गया। इसके बाद ये पालकी डेरापहाड़ी से पुलिस लाइन, महल तिराहा होते हुए  वापस श्री नेमिनाथ जिनालय पहुंच कर संपन्न हुई।
मनाई गई क्षमावाणी-
इस अवसर पर क्षमावाणी पर्व धूमधाम से मनाया गया। क्षमावाणी पर्व में विगत में हुई भूलों के लिए परस्पर क्षमायाचना की गई, जिससे संबंधों में प्रगाढ़ता और मधुरता को बल मिलता है।
आधीरात में पालकी मार्ग पर लगाई झाड़ू-
प्रो  जैन ने बताया कि नगर पालिका के सफाई कर्मियों की कई दिन से चल रही हड़ताल के कारण सड़कें गन्दगी और कचरे से सराबोर थी। पालकी यात्रा को देखते हुए समाज के सभी  पदाधिकारियों और अनेक समाजसेवियों ने आधी रात तक पालकी मार्ग श्री नेमिनाथ जिनालय से छत्रसाल चौराहा तक नई  झाडुएं लेकर बहरीन सफाई कर अपनी भक्ति, श्रद्धा और स्वच्छता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। इसके पूर्व अतिशय क्षेत्र डेरा पहाड़ी मार्ग में समाजसेवियों ने झाड़ू लगा कर स्वच्छता अभियान चलाया था। इस प्रकार जैन समाज के साथ जैनेतर समाजसेवियों ने  गांधी जयंती के एक दिन पूर्व ही उनके स्वच्छता संदेश का शंखनाद किया।जैन समाज के साथ वार्ड नंबर 16 की पार्षद श्रीमती गीता तिवारी के पति दिनेश तिवारी मम्मा ने भी झाड़ू लगाकर  सफाई में अपना योगदान दिया। जैन समाज के अध्यक्ष अरूण जैन अन्नु , उपाध्यक्ष अजय फट्टा, रीतेश जैन,महामंत्री स्वदेश जैन,कोषाध्यक्ष जितेन्द्र जैन,सहमंत्री अजित जैन, डेरा पहाड़ी प्रबंधक आरके जैन एवं समस्त कार्यकारिण ने  पालकी महोत्सव तथा क्षमावाणी पर्व में सहयोग और सहभागिता करने वालों का आभार ज्ञापित किया है।