मानसिक विक्षिप्तों के सेवक ने हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय में दिया व्याख्यान

छतरपुर। मानसिक विक्षिप्तों के सेवक छतरपुर निवासी डॉ संजय शर्मा ने गुरुवार को हरियाणा के महेंद्रगढ़ केंद्रीय विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण विषय पर बतौर मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ व्याख्यान दिया, जो कि संपूर्ण छतरपुर के लिए गौरव का क्षण था। अपने व्याख्यान में डॉ शर्मा ने मेडिटेशन, योग, व्यायाम को अपनाकर सकारात्मक विचार रखने तथा डिप्रेशन से बचने के लिए उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
महेंद्रगढ़ केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन के प्रोफेसर सहित विभिन्न राज्यों के बच्चों को तकरीबन दो घंटे तक मानसिक स्वास्थ्य कल्याण विषय पर डॉ शर्मा ने व्याख्यान दिया। इस दौरान उपस्थित युवाओं द्वारा किए गए सवालों का जवाब देकर डॉ. शर्मा ने उनकी जिज्ञासा को भी शांत किया। डॉ. शर्मा ने मस्तिष्क को स्वस्थ रखने, डिप्रेशन से बचाव आदि विषयों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों को नशीले पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए और मोबाइल का कम से कम उपयोग करना चाहिए। उन्होंने डीप थिंकिंग को मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया। डॉ शर्मा ने कहा कि वर्तमान में मोबाइल के अधिक इस्तेमाल और डीप थिंकिंग के कारण कई बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता को भी अपने बच्चों से उतनी ही अपेक्षा रखना चाहिए जितना कि बच्चे की शारीरिक और बौद्धिक क्षमता हो। यदि किसी बच्चे को 4 सप्ताह तक लगातार नींद न आने, घबराहट होने, किसी काम में मन न लगने, मेंटल डिसऑर्डर जैसी समस्या होती है तो उसे तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थति में युवाओं के मन में आत्महत्या जैसे ख्याल नहीं आने चाहिए। डॉ. शर्मा ने मानसिक विक्षिप्तों की दशा सुधारने के लिए शासन द्वारा निर्धारित किए गए कानून एवं अन्य प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान आयोजन समिति द्वारा डॉ. शर्मा का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि डॉ शर्मा को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं पत्रकारिता व दूरसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने पत्र भेजकर कार्यशाला में आमंत्रित किया था। डॉ. शर्मा पिछले 35 वर्षों से मानसिक रोगियों की सेवा करने वाले डॉ शर्मा अब तक 11 सौ से अधिक मानसिक रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे में सफल रहे। हाल ही में उन्हें सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राष्ट्रपति डॉ द्रौपदी मुर्मू ने डॉ शर्मा को प्रदान किया था। बुंदेलखंड गौरव से लेकर तमाम सम्मान हासिल करने वाले डॉ. शर्मा बिना किसी सहयोग के अपने कार्यों में निरंतर लगे हैं।