छतरपुर। परम पूज्य आचार्य समय सागर जी महाराज के चातुर्मास का मुख्य आकर्षण प्रतिभा स्थली की बालिकाओं के द्वारा दिए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम रहे। फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ पत्रकार एवं फोटोग्राफर क्रिस्टोफ़ बोइसविक्स बालिकाओं के द्वारा दी गई प्रस्तुति देख भावुक हो उठे एवं उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगाए एवं उपस्थित सभी देशी एवं विदेशी भारतीय संस्कृति प्रेमियों ने भरपूर सराहना की। श्री मतंगेश्वर महाराज, आचार्य श्री विद्यासागर महाराज एवं भारत माता की जयकारों से शांतिनाथ प्रांगण गूंज उठा। श्री मतँगेश्वर सेवा समिति खजुराहो  एवं दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के पंडित सुधीर शर्मा ने आचार्यश्री के जन्मदिवस पर श्रीफल भेंट कर प्रतिभा स्थली की बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि आचार्य श्री के आशीर्वाद से संचालित प्रकल्प शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभा स्थली रामटेक, इंदौर, ललितपुर, डोंगरगढ़ जबलपुर, हथकरघा जेलों तथा आदिवासी क्षेत्रों हथकरघा लगवाए, आर्युवेदिक औषधालय पूर्णायु जबलपुर एवं भाग्योदय सागर, लगभग 65 हजार गौ बंश का संरक्षण किया जा रहा है।
जैन धर्म के प्रतिष्ठित संत समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महामुनिराज एवं उन्हीं के पट्ट शिष्य गृहस्थ अवस्था के भाई विद्या शिरोमणि आचार्य समयसागर महामुनिराज का अवतरण दिवस  शरद पूर्णिमा 5 दिवसीय पर्व के रूप में मनाया गया। आचार्य श्री के संदेश जो विचार बन गए इंडिया नही भारत बोलो से प्रेरणा पाकर अधिकांश जगह हिंदी भाषा का उपयोग होने लगा। इसी तरह गौ रक्षा करो भारत बचाओ, भारतीय संस्कृति बचाओ धर्म बचाओ, हथकरघा के वस्त्र अपनाओ स्वदेशी पहनो स्वावलंबी बनो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,प्रतिभा स्थली आओ शिक्षा के साथ संस्कार अपनाओ, पशु धन हमारी प्राकृतिक धरोहर है, इसके विनाश से न तो हरियाली बचेगी न खुशहाली।
आचार्य भगवन गुरुदेव के सपनों की उड़ान हथकरघा उद्योग के माध्यम से गुरुजी की कोशिश रही है कि इंडिया से भारत बनाने के लिये घर घर में सिर्फ चरखा ही नही हथकरघा भी होना चाहिये।  कार्यक्रम का सफल संचालन भोपाल के राष्ट्रीय कवि चंद्रसेन जैन ने किया। व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने में रमेश चंद जैन प्रदीप जैन राकेश जैन ने सहयोग दिया