छतरपुर। शरद पूर्णिमा पर  विश्वविख्यात जैनाचार्य  विद्यासागर  महाराज एवं आचार्य समय सागर जी महाराज का अवतरण दिवस शरद पूर्णिमा 17 अक्टूबर को नगर की जैन समाज ने धूमधाम से मनाया। इस अवसर  विविध कार्यक्रम आयोजित हुए।
जैन समाज के अध्यक्ष अरुण जैन ने बताया कि गुरुवार शरद पूर्णिमा 17 अक्टूबर को सुबह 9 बजे बजरिया स्थित बड़े जैन मंदिर के सामने निर्मित विशाल संत भवन प्रांगण में एक संक्षित और गरिमामयी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आचार्य विद्यासागर जी के छतरपुर आगमन पर  पाद प्रक्षालन का सौभाग्य प्राप्त करने वाले विद्यार्थी परिवार की ओर से संत भवन निर्माण हेतु प्रदत्त भेंट राशि का सुंदर शिलालेख का अनावरण जैन समाज की कार्यकारिणी और सदस्यों के बीच धार्मिक विधि विधान से किया गया।
ज्ञातव्य है कि 11 जुलाई 2018 को पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज के छतरपुर आगमन पर श्री नेमिनाथ जिनालय के सामने विशाल जनसमुदाय के बीच हुए उनके मंगल प्रवचन हुए थे। प्रवचन के पूर्व आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन कर उनका मंगल आशीर्वाद पाने का सौभाग्य प्रो.सुमति प्रकाश जैन, डा. अर्चना जैन, सुबोध प्रकाश जैन, दीप्ति जैन, तुषार कांत विद्यार्थी एवं कामना विद्यार्थी को मिला था। पाद प्रक्षालन के शुभ प्रसंग पर  पिता स्व. डा नरेंद्र विद्यार्थी एवं प्रो. रमा जैन की पावन स्मृति में प्रो. सुमति प्रकाश जैन एवं प्रो अर्चना जैन, विद्यार्थी परिवार ने अपने वेतन से सत्रह लाख, सत्रह हजार एक सौ सत्तर रुपए की राशि संत भवन के निर्माण हेतु भेंट करने का संकल्प लिया था। इसी क्रम में जैन समाज की ओर से तत्संबंधी शिलालेख लगवाया गया, जिसका आज बेहद खास शरद पूर्णिमा के दिन अनावरण दानदाता विद्यार्थी परिवार और समाजजनों ने किया है। शिलालेख अनावरण की प्रक्रिया पंडित देवेंद्र जैन ने धार्मिक विधि विधान के साथ संपन्न कराई।
इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष अरुण जैन, महामंत्री  स्वदेश जैन, रीतेश जैन,कोषाध्यक्ष जितेन्द्र जैन, बड़े जैन मंदिर के कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र बड़कुल, पूर्व प्राचार्य डॉ जीसी सिंघई, समाजसेवी संतोष जैन, कुमुद चंद जैन, गोपाल जैन,  महेंद्र जैन मेडिकल, प्रवीण चौधरी, राजीव जैन, अज्जू जैन सहित समाज के अनेक पुरुष, महिलाएं एवं युवाजन उपस्थित थे। अध्यक्ष अरुण जैन ने आज के दिन के सुखद संयोग को खास रूप से रेखांकित किया। आपने बताया कि आज 17 अक्टूबर को देश के दो महान आचार्यों का अवतरण दिवस तो था ही, उनके पाद प्रक्षालनकर्ता श्रावक प्रो. सुमति प्रकाश जैन का भी जन्म दिवस था, और भेंट की गई राशि भी सत्रह के संयोग वाली 17 लाख 17 हजार है।