पन्ना के कर्मचारियों का आनंदम सहयोगी आवासीय प्रशिक्षण संपन्न
नौगांव। पन्ना जिले के रेवेन्यू, पंचायत एवं नगरीय प्रशासन के कर्मचारियों का तीन दिवसीय आवासीय आनंदम सहयोगी कार्यक्रम क्षेत्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज प्रशिक्षण केंद्र नौगांव में रविवार को संपन्न हो गया। प्रशिक्षण समन्वयक लखन लाल असाटी के साथ प्रदीप महतो, आशा असाटी, वैदेही त्रिपाठी, रामकृपाल यादव, शिव नारायण पटेल ने अपने निजी जीवन में आए बदलाव को साझा करते हुए ऑडियो वीडियो क्लिप, छोटे-छोटे नाटक और गेम्स तथा विभिन्न सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों तक यह संदेश देने का प्रयास किया कि उनके सुख दुख का कारण कोई दूसरा नहीं वह खुद हैं।
300 किलोमीटर रातों रात बाइक चलाकर पत्नी से मांगी क्षमा
शनिवार को संपन्न रिलेशनशिप सेशन का असर यह हुआ कि अजयगढ़ की पंचायत मकरी के ग्राम रोजगार सहायक सुशील द्विवेदी दूसरे दिन की ट्रेनिंग संपन्न होने के बाद रातों-रात 151 किलोमीटर गाड़ी चलाकर घर पहुंचे और अपनी पत्नी से क्षमा मांग कर सुबह फिर नौगांव आकर तीसरे दिन के कार्यक्रम में सम्मिलित हो गए, यहां रविवार की सुबह ढाई घंटे का मौन लेने के बाद उन्होंने बताया कि जब वह इस ट्रेनिंग के लिए घर से नौगांव रवाना हो रहे थे तब पत्नी द्वारा चाय देने में विलंब करने से वह उससे नाराज होकर चले आए थे,जिसका अहसास उन्हें प्रशिक्षण में हुआ, तब उन्होंने तुरंत क्षमा मांगने का निर्णय लिया और शाम का सत्र समाप्त होते ही उन्होंने बाइक से घर पहुंचकर पत्नी से क्षमा मांगी तथा बड़ी सुबह जब वह घर से नौगांव रवाना हो रहे थे तब उन्होंने खुद पहले जाकर दो चाय बनाई और अपनी पत्नी के साथ बैठकर चाय पी, इसके लिए उन्हें 302 किलोमीटर गाड़ी चलानी पड़ी, पन्ना पटवारी भूपेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि अब जीवन में चाहे घर हो चाहे कार्यालय चाहे मित्र मंडली सभी जगह सौहार्द पूर्ण व्यवहार करूंगा अपने रिश्ते ठीक करूंगा।
58 वर्ष की शरीर यात्रा में पहली बार हुई ऐसी अनुभूति
पटवारी वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने 18 साल मिलिट्री की सेवा की और 19 साल से पटवारी है परंतु इस तरह की पहली ट्रेनिंग है जहां उन्हें सच्ची आनंद की अनुभूति हुई है, अपनी खुद की वास्तविकता को समझा है और इस पर काम भी शुरू कर दिया है,पटवारी रहते हुए उन्होंने आज तक 1 रूपए का भी कोई अनैतिक लेनदेन नहीं किया है, पटवारी रामबरन पटेल ने कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें आनंदित रहकर आदर्श जीवन जीने की कला सीखने मिली है, बहुत सी बुराइयों को त्यागने और कमियों को दूर करने का रास्ता मिला, इसके लिए वह मध्य प्रदेश शासन और इसके मुखिया मुख्यमंत्री के प्रति हृदय से कृतज्ञ हैं।
शाहपुरा के सहायक सचिव रामनारायण मिश्र ने कहा कि जो यहां जो सिखाया वास्तव में जीवन का वही मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने प्रशिक्षण सभा में ही जेब से गुटके निकाल कर उनका आजीवन त्याग कर दिया और कहा कि वह कभी गुटका नहीं खाएंगे, परिवार और कार्यस्थल में सामंजस्य के साथ काम करेंगे, अपने काम को बेहतर करेंगे।
प्रतिभागियों ने कहा कि वह अपने अंदर का बवंडर देख पाए हैं, एक प्रतिभागी ने कहा कि उन्होंने फोन कर अपने अधिकारी को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने ऐसी महत्वपूर्ण ट्रेनिंग के लिए उन्हें नामांकित किया, नगर परिषद पवई के कार्यालय सहायक प्रदीप कुमार बाल्मीकि ने कहा कि अभी तक वह दूसरों की बुराइयां देखते थे वे सारी बुराइयां अब उन्हें खुद में दिखाई देती हैं, पटवारी देवव्रत वर्मा ने कहा कि यहां आकर लगा कि अगर अल्पविराम नहीं लेते तो सेल्फ एसेसमेंट जैसे जीवन के महत्वपूर्ण कार्य को से वंचित रह जाते।