गाय के पेट में हुई बछड़े की मौत, रात भर तड़पती रही गाय
छतरपुर। शहर के मऊ दरवाजा इलाके में एक गाय पूरी रात प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, शनिवार की सुबह जब स्थानीय लोगों के माध्यम से गौसवेकों को सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर जाकर गाय के पेट में फंसे उसके मृत बछड़े को पशु विभाग की सहायता से बाहर निकालकर उसकी जान बचाई।
हनुमान टौरिया पर गौ अस्पताल संचालित करने वाले गौसेवक रविवराज ने बताया कि शनिवार की सुबह करीब 7 बजे मऊ दरवाजा इलाके के लोगों ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि एक गाय शुक्रवार की रात करीब 11 बजे से प्रसव पीड़ा से तड़प रही है और उसका मृत बछड़ा बाहर नहीं निकल पा रहा है। सूचना मिलते ही गौ अस्पताल के धर्मेन्द्र गोस्वामी, अमन गोस्वामी और रविराज मौके पर पहुंचे। पहले गौसेवकों ने अपने स्तर पर प्रयास कर मृत बछड़े को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन जब प्रयास सफल नहीं हुए तो गौसेवकों ने पशु विभाग के उपसंचालक डॉ आरए सेन से संपर्क कर मदद मांगी। इसके डॉ सेन ने अपनी टीम और गौसेवकों की मदद से करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मृत बछड़े को गाय के पेट से बाहर निकाला। गौसवक रविराज ने बताया कि बछड़े की जान तो नहीं बच सकी लेकिन गाय को सुरक्षित बचा लिया गया है।
आवारा पशुओं को गौशाला में किया जा रहा शिफ्ट
कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देश पर पूरे जिले में आवारा गौवंश को गौशालाओं में शिफ्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में नपा प्रशासन द्वारा शहर की सड़कों पर बैठे आवारा मवेशियों को राधेपुर गौशाला में भिजवाया जा रहा है। नपाकर्मी राज ने बताया कि शहर की सड़कों पर बैठे आवारा गौवंश को राधेपुर गौशाला भिजवाया जा रहा है ताकि आए दिन हो रहे हादसों से लोगों और मवेशियों को बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि बरसात के दिनों में आवारा मवेशियों का सड़कों पर डेरा जमा रहता है। अभी हाल में शहर से निकले हाईवे पर वाहनों द्वारा गौवंश को बुरी तरह कुचला गया था जिसमें दर्जनों गौवंश की मौत हो गई थी।