बकस्वाहा। मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित पड़रिया धाम में दीपावली के बाद अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। इस महोत्सव से शामिल होने दूर दराज से हजारों श्रद्धालु पहुंचे।
दीपावली के बाद उत्तर और मध्य भारत खास कर बुंदेलखंड में गोवर्धन पूजा का प्रचलन है। इस दिन को अन्नकूट महोत्सव भी कहते हैं। इस दिन गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा की जाती है। इस उपलक्ष्य में भगवान के निमित्त छप्पन भोग बनाया गया और भगवान को भोग लगाया गया। इस दौरान देश के दूर दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पूजन अर्चन में भाग लिया। कहते हैं कि अन्नकूट महोत्सव मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है।
अन्नकूट महोत्सव इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन नए अनाज की शुरुआत भगवान को भोग लगाकर की जाती है। इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराके धूप-चंदन तथा फूल माला पहनाकर उनकी पूजा की जाती है और गोमाता को मिठाई खिलाकर आरती उतारते हैं। इसके बाद परिक्रमा भी करते हैं।
गौशाला में हुआ गोमाता का पूजन
गोरे लाल जी कुंज गौशाला में सर्व प्रथम विधि विधान के साथ गौमाताओं का पूजन हुआ। बांके बिहारी मंदिर के संतजन एवं समिति के सदस्यों द्वारा पूजा अर्चन किया गया। महंत श्री किशोर दास जू महराज जब पड़रिया धाम आते है तो उनका ज्यादा समय गौशाला में गौसेवा में ही निकलता है।