जिले में बाल कल्याण समिति का हुआ गठन
छतरपुर। किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम- 2015 के अधीन नाबालिग बालक-बालिकाओं के सर्वोत्तम हित में कार्य करने वाली न्यायपीठ बाल कल्याण समिति [सीडब्ल्यूसी] का जिला स्तर पर गठन किया गया है। समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। समिति में एक अध्यक्ष एवं चार सदस्य होते हैं। छतरपुर जिले की समिति में वरिष्ठ समाजसेवी आनंद भार्गवे-अध्यक्ष एवं बरखा मिश्रा, मणीकांत गुप्ता, शकुन्तला शुक्ला एवं इन्दु प्रकाश सिंह सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। समिति का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। समिति जीरो वर्ष से अठारह वर्ष तक के बालक, बालिकाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अपना निर्णय सुनाती है। बाल कल्याण समिति का गठन बच्चों के अधिकारों और उनके कल्याण की रक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होता है।
सरकार द्वारा सीडब्ल्यूसी का गठन बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में, बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में एवं बच्चों के पूर्ण अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने के लिए किया जाता है। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों में विशेषज्ञ और पेशेवर लोग शामिल होते हैं, जो नाबालिग बच्चों के अधिकारों और कल्याण के क्षेत्र में काम करते हैं। ये सदस्य बच्चों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए शासन, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के साथ समन्वय करके बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सेन ने नवनियुक्त बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों को बधाई प्रेषित की है।