छतरपुर। सर्द मौसम के चलते छोटी उम्र के बच्चे निमोनिया से ग्रसित हो रहे हैं। इन दिनों सिर्फ जिला अस्पताल में ही निमोनिया से ग्रसित 52 बच्चे भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। बच्चों का इलाज करने के साथ ही चिकित्सकों द्वारा माता-पिता को बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ. श्वेता चौरसिया ने बताया कि इस मौसम में निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है। मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण बच्चे निमोनिया से ग्रसित हो रहे हैं। उन्होंने निमोनिया के लक्षण बताते हुए कहा कि यदि बच्चे को खांसी आ रही है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है या फिर स्तनपान करने वाले बच्चे ठीक ढंग से स्तनपान नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में परिजनों को बिना लापरवाही किए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अथवा चिकित्सक को दिखाकर इलाज कराना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निमोनिया संक्रमण से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि आमतौर पर अगर हम ठीक ढंग से बच्चों की देख-रेख करें तो बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि निमोनिया संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से संक्रमण फैलता है इसलिए ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।