युवक ने बजरंगदल के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिया आवेदन
हंगामा मचने के बाद सामने आई महिला ने आरोपों को नकारा

छतरपुर। शहर के सटई रोड, छुई खदान इलाके में रहने वाले एक दलित परिवार ने ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों पर धर्मांतरण के लिए प्रलोभन देने का गंभीर आरोप लगाया है। पीडि़त परिवार ने पुलिस अधीक्षक और थाना सिविल लाइन में शिकायती आवेदन देकर बताया कि छह माह से एक परिवार उन्हें लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा है। आरोप है कि इस दौरान उन्हें नकद राशि, बाइबिल, प्रभु ईशू की तस्वीर और अन्य सुविधाओं का लालच दिया गया। पीडि़त ने यह भी खुलासा किया कि उनके इलाके में चार लोग पहले ही धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। इस मामले में बजरंग दल ने भी कड़ा विरोध जताते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं जब इस मामले को लेकर हंगामा शुरु हुआ तो कुछ ही देर में संबं?धित महिला ने सिविल लाइन थाना जाकर अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया। महिला का कहना था कि एक कांग्रेसी नेता के कहने पर उसके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
यह है घटनाक्रम
मंगलवार की शाम को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देने आए भईयन पुत्र बरवा बंसल निवासी वार्ड नंबर 21 छुई खदान सटई रोड छतरपुर ने बताया कि वह एक दलित हिंदू परिवार से है और नगरपालिका परिषद छतरपुर में सफाईकर्मी वाहन चालक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि छह माह पहले उनकी जान-पहचान प्रेमवती मांझी डेविड उर्फ मौसी, उनकी पुत्री नीलम मांझी डेविड, पुत्र संजय मांझी डेविड और संजय की पत्नी से हुई। ये लोग सटई रोड, गुरु कृपा मार्बल के सामने रहते हैं। भईयन बंसल के मुताबिक, इन लोगों ने उनसे दलित परिवारों की जानकारी मांगी और गरीबी का हवाला देकर 25 किलो गेहूं और खाने के तेल का डिब्बा दिया। इसके बाद 15 जून 2025 को रविवार सुबह 10 बजे ये चारों लोग उनके घर आए और उन्हें ईसाई धर्म की पुस्तक बाइबिल, प्रभु ईशू की तस्वीर और 3 हजार रुपये का लिफाफा देकर हिंदू धर्म की मूर्तियां और तस्वीरें हटाने को कहा। इसके बाद हर रविवार को बस स्टैंड स्थित चर्च में प्रार्थना के लिए आने का दबाव बनाया। आरोप है कि इन लोगों ने धमकी दी कि अगर वे चर्च नहीं गए तो प्रभु ईशू नाराज हो जाएंगे और उनके घर में अनिष्ट हो जाएगा। भईयन बंसल ने बताया कि एक समाचार पत्र में धर्मांतरण से जुड़ी खबर पढऩे के बाद उन्हें इस साजिश का अंदाजा हुआ और उन्होंने हिंदू धर्म छोडऩे से इनकार कर दिया। भईयन बंसल ने यह भी खुलासा किया कि संजय मांझी डेविड और उनकी पत्नी भोपाल में रहते हैं और ईसाई मिशनरी का कार्य करते हैं। उनका छतरपुर में लगातार आना-जाना रहता है। भईयन बंसल ने बताया कि इन लोगों ने उन्हें भोपाल में नौकरी और अन्य सुविधाएं दिलाने का लालच भी दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके इलाके के चार लोग पहले ही इनके प्रलोभन में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। भईयन ने बताया कि कुछ समय के लिए वह भी इनके प्रभाव में आ गए थे और चर्च गए थे, जहां उन्हें ईसाई मान्यताओं के अनुसार प्रार्थना करना सिखाया गया। हालांकि, बाद में उनकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उन्होंने इनकी बात मानने से इनकार कर दिया। अब ये लोग उन पर लगातार दबाव बना रहे हैं और प्रलोभन दे रहे हैं। भईयन ने पुलिस से मांग की है कि प्रेमवती मांझी डेविड, नीलम मांझी डेविड, संजय मांझी डेविड और संजय की पत्नी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि वह अपने हिंदू धर्म में बने रह सकें।
बजरंग दल ने जताई नाराजगी, कार्रवाई की मांग
इस मामले में बजरंग दल के जिला संयोजक सूरज बुंदेला ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पिछले छह माह से उक्त लोग धर्मांतरण की गतिविधियां चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग भोपाल से जुड़े हैं और तरह-तरह के लालच देकर गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को टारगेट कर रहे हैं। सूरज बुंदेला ने कहा कि बजरंग दल इस तरह की गतिविधियों का कड़ा विरोध करता है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस मामले की गहन जांच की जाए और धर्मांतरण के प्रयासों को रोका जाए।
प्रेमवती मांझी ने कहा- कांग्रेसी नेता के कहने पर लगाए गए आरोप
भईयन बंसल द्वारा आवेदन दिए जाने के कुछ देर बाद प्रेमवती मांझी सिविल लाइन थाना पहुंची, जहां उन्होंने भईयन द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताकर अपना पक्ष रखा। प्रेमवती ने बताया कि उसकी उम्र करीब 78 वर्ष है। उसका कांग्रेसी नेता मोहम्मद अली और देव सिंह बुंदेला से जमीनी विवाद चल रहा है। उक्त लोगों के कहने पर ही उसके ऊपर धर्मांतरण कराने के झूठे आरोप लगाए गए हैं। प्रेमवती के मुताबिक जिस युवक ने यह आरोप लगाए हैं, वह उसे जानती तक नहीं है। प्रेमवती ने यह भी बताया कि, कांग्रेसी नेता मोहम्मद अली और देव सिंह बुंदेला पहले भी उसके विरुद्ध झूठी शिकायतें कर चुके हैं।