छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन विश्वविद्यालय परिसर में शांतिपूर्वक धरने के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य रूप से एग्रीकल्चर विभाग की समस्याओं को लेकर छात्र अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे थे।
विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक राजदीप तिवारी ने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर विभाग की शुरुआत पिछले वर्ष ही हुई है, जिसमें लगभग कुल 10 विषय हैं, लेकिन केवल दो ही प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं। इससे छात्रों को पढ़ाई में गंभीर परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को अंग्रेजी में प्रश्न पत्र दिए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को समझने में कठिनाई होती है। परीक्षा के दौरान प्रोफेसर को पेपर का अनुवाद कराना पड़ता है, जिससे एक घंटे का कीमती समय बर्बाद होता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में पेयजल की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है। छात्रों का कहना है कि फिल्टर सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है, और उन्हें गर्म पानी पीना पड़ता है जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। परिषद ने कहा कि एचओडी द्वारा छात्रों को पास होने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाने की शर्त बताई जा रही है, जबकि विश्वविद्यालय नियमों के अनुसार 33 प्रतिशत अंकों से भी विद्यार्थी पास माने जाते हैं। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद और भी उग्र आंदोलन करेगी।
वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव यशवंत पटेल ने प्रदर्शन के बाद छात्रों से संवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान 15 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर नया वाटर कूलर लगाया गया है और फिल्टर प्लांट के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही नया फिल्टर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा।