अमूल्य जीवन को परमात्मा के भजन में लगाओ: पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

छतरपुर। दुनिया भर में आस्था और शक्ति का केन्द्र बने बागेश्वर धाम में बसंत पंचमी के पावन दिवस से एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ की शुरूआत हुई। इस कथा महोत्सव के दूसरे दिन बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने कथाव्यास के रूप में कहा कि यह जीवन अमूल्य है लेकिन इसे परमात्मा के भजन में लगाने से ही कल्याण होगा। खुद को गरीब कहने वाले लोग जीवन की कीमत नहीं समझते।
कथाव्यास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुए पण्डाल में मौजूद असंख्य कथा प्रेमियों से कहा कि वे जीवन को उत्सव के रूप में मनाते हुए जिएं, क्योंकि इस मृत्युलोक में आने वाले हर जीव की मृत्यु निश्चित है। इसलिए जीवन को उत्सव के रूप में मनाकर आनंद बटोरें। उन्होंने कहा कि मृत्यु उत्सव है और परमात्मा का गुणगान महोत्सव है। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा के एक प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि भागवत कथा जीवन जीने की शिक्षा देती है जिस परमात्मा ने हमें इस संसार को देखने का अवसर दिया है हमें अपनी वाणी और कर्म से उस परमात्मा को याद करते रहना चाहिए।
कन्याओं को सामग्री देने के दौरान द्रवित हुए महाराजश्री
महाशिवरात्रि को होने वाले विशाल कन्या विवाह महोत्सव हेतु चयनित की गईं कन्याओं को गुरूवार को सामग्री वितरित की गई। इस दौरान वर को भी आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। सामग्री भेंट करने के दौरान एक ऐसी बेटी आयी जिसका विवाह महोत्सव में चयन नहीं हुआ था मगर वह पिछले चार दिन से इसलिए भूखी थी कि उसका विवाह धाम के कन्या विवाह महोत्सव से हो जाए। बिलखती हुई कन्या जब महाराजश्री के पास आई तो वे भी द्रवित हो गए। उन्होंने कहा कि चाहे जो स्थिति बने इस बेटी का विवाह भी वे महोत्सव के दौरान करेंगे।