बक्सवाहा। जिले से 100 किलोमीटर दूर बक्सवाहा में  स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बदहाल हो चुकी हैं। ऐसा लग रहा है कि बक्सवाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को ही इलाज की जरूरत है। शासन मरीजों के इलाज को बेहतर बनाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन अस्पताल में डॉक्टर होने के बावजूद भी अस्पताल सूना पड़ा है जिससे दूर- दराज से इलाज को आने वाले मरीजों को कई बार डॉक्टर के इंतजार में सुबह से शाम हो जाती है और फिर अपना इलाज कराए बिना ही वापस अपने घर की ओर जाना पड़ रहा है।
 विकासखंड के 121 गांव में सिर्फ एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जिले में बक्सवाहा स्वास्थ्य केंद्र में 121 गांव के लोगों को इलाज देने का जिम्मा है लेकिन यहां पर बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के चलते मरीजों को सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ व सुविधाओं की कमी से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इलाज के लिए दमोह 50 किमी, सागर 80 किमी, छतरपुर 100 किलोमीटर जाना पड़ता है। कई बार पत्राचार के माध्यम से भी अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन आज भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था चरमरा रही है जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। मरीजों को समय पर इलाज न मिलने पर कई बार इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। दूरदराज से आए मरीजों को इलाज न मिलने पर मायूस होकर अपने घर या जिले में जाना पड़ता है पैसे के अभाव में कई मरीज अपने घर वापस चले जाते हैं लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को इसका कोई फर्क नहीं है। इस बारे में जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को भी कई बार अवगत कराया गया लेकिन इनकी लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
अस्पताल में स्टाफ की कमी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल स्वीकृत स्टॉफ लगभग 35 है जिसमें डॉक्टर के पद 5 स्वीकृत हैं  इन 5 पदों के स्वीकृत डॉक्टरों में 2 पुरुष डॉक्टर पदस्थ हैं एवं महिला डॉक्टर एक भी पदस्थ नही हैं जबकि 3 डॉक्टरों की जगह खाली पड़ी हुई है।
अस्पताल में न रहकर चला रहे प्राइवेट क्लीनिक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब होने की सबसे बड़ी वजह है यहां के डॉक्टर हैं। डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न बैठकर प्राइवेट क्लीनिक चला रहे हैं बड़ी-बड़ी रकम पाने वाले डॉक्टर मनमर्जी से अस्पताल जाकर हस्ताक्षर बनाकर प्राइवेट क्लीनिक पर बैठते हैं और मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे है।
तहसीलदार पहुंचे मौके पर, नही मिला एक भी पदस्थ कर्मचारी
सामुदायिक केन्द्र में डॉक्टर और एक भी कर्मचारी न होने की शिकायत जब लोगों द्वारा तहसीलदार भरत पांडे से की गई तो तहसीलदार तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और उन्होने बकस्वाहा में पदस्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फोन लगाकर फटकार लगाई। थोडी देर बाद ड्यूटी मे तैनात कर्मचारियों का आना प्रारंभ हुआ और मौके पर उपस्थित मरीजों का इलाज प्रांरभ हो सका।
इनका कहना है
लोगों के द्वारा जानकारी दी गई कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नहीं है मौके पर आकर देखा गया और सही पाया गया। स्टॉफ सहित बीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
भरत पांडे, तहसीलदार बकस्वाहा