छतरपुर। शनिवार की रात को शुरु हुआ रिमझिम बारिश का दौर रविवार को दिन भर चला। बारिश के इस सीजन का यह पहला दिन था जब इतने लंबे समय तक लगातार बारिश हुई। इस बारिश के साथ जिले के तमाम छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, वहीं शहरी इलाकों की गलियों से पानी भरे होने की खबरें सामने आई हैं।
जिले के ज्यादातर इलाकों में रविवार को दिन भर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होने का सिलसिला जारी रहा। अलसुबह से शहर में रिमझिम बारिश होती रही, जिसके चलते पूरा शहर बारिश से तरबतर हो गया। आसमान में काले बादल छाए रहे और बारिश के चलते मौसम में ठंडक घुल गई। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही मौसम विभाग ने जिले में बारिश का अलर्ट जारी किया था, जो कि सही साबित हुआ है। लगातार हुई बारिश के बाद न केवल लोगों को गर्मी से निजात मिली, बल्कि किसानों के चेहरे पर भी खुशी का भाव है। छतरपुर शहर में बारिश के चलते बस स्टैंड के पास स्थित गुप्ता लॉज के आसपास पानी भर गया था, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होती रही और लोग इसे नगर पालिका की लापरवाही बताते रहे। देर शाम तक बारिश का दौर जारी रहा और संभावना है कि आने-वाले एक-दिनों तक जिले में इसी तरह का मौसम रहेगा।
पचेर घाट पर जुटी भीड़, बन्ने नदी के पुल पर लोगों ने उठाया जोखिम
शनिवार की रात से लेकर रविवार को दिन भर हुई बारिश के चलते जिले भर के तमाम छोटे-बड़े नदी नाले उफान पर आ गए। ईशानगर कस्बे के पास से निकली धसान नदी के पचेर घाट पर नदी का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ था जिसे देखने के लिए यहां के नवनिर्मित पुल के ऊपर दिन भर लोगों की भीड़ जमा रही। हालांकि जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नदी के पास न जाने की सलाह दी थी लेकिन मौके पर कोई रोकने वाला न होने के कारण लोग नदी का रौद्र रूप देखने यहां पहुंचते रहे। इतना ही नहीं कुछ स्थानीय मछुआरे जान जोखिम में डालकर नदी के किनारों पर मछली पकड़ते हुए भी नजर आए।
वहीं दूसरी ओर बमीठा क्षेत्र की बन्ने नदी के उफान पर होने के कारण रनगुवां-काबर मार्ग का पुल डूब गया। हालांकि पुल डूबने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आवागमन करते रहे।
लहचूरा डैम से नदी में छोड़ा गया पानी
टीकमगढ़ जिले में धसान नदी पर बने बान सुजारा बांध और उत्तरप्रदेश की सीमा पर मौजूद पहाड़ी बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण हरपालपुर क्षेत्र में मौजूद लहचूरा बांध का जल स्तर बढ़ गया था, जिसके बाद रविवार को सुरक्षा के दृष्टिकोण से दोपहर करीब 1 बजे डैम के 5 गेट, 4 फिट तक खोलकर 30 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। गौरतलब है कि वर्तमान में लहचूरा बांध लबालब भरा हुआ है और बांध से निकली अर्जुन फीडर नहर को 1400 क्यूसेक से चला कर अर्जुन बांध को भरा जा रहा है। इसके साथ ही धसान मुख्य नहर को 400 क्यूसेक से संचालित कर खरीफ फसलों हेतु सिंचाई सुविधा भी दी जा रही है।
आकाशीय बिजली से बचाव के लिए जारी हुई एडवाइजरी
लगातार हो रही बारिश के चलते आकाशीय बिजली गिरने का खतरा बढ़ गया है, जिसको दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया के माध्यम से आकाशीय बिजली से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। जारी एडवाइजरी में लोगों से अपील की गई है कि जैसे ही बादल की गरज सुनाई दे, तुरंत अपने आसपास के लोगों से दूरी बनाते हुए, अपने हाथों से कान को बंद करें। बिजली चमकने के दौरान आप खुले आसमान के नीचे हैं तो सबसे पहले नीचे झुककर पैरों और घुटनों को जोड़कर बैठ जाएं, जमीन पर न लेटें और न ही जमीन पर हाथ लगाएं।