खजुराहो। विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में पिछले 9 वर्षों से आयोजित होने वाला खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म फेस्टिवल का दसवां संस्करण 5 दिसंबर से शुरू होगा जो 11 दिसंबर तक चलेगा खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म महोत्सव के संयोजक तथा प्रयास प्रोडक्शन के निदेशक राजा बुंदेला ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 वां आयोजन नगर परिषद के पाहिल वाटिका परिसर में होगा,जबकि अन्य गतिविधियां दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्पग्राम परिसर में आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि 10 वाँ फिल्म महोत्सव दिवंगत प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना को समर्पित रहेगा। फेस्टीवल प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार तथा मशहूर फिल्म अभिनेत्री डिंपल कपाडिय़ा आकर्षण का केन्द्र होंगे साथ ही कई फिल्म अभिनेता तथा अभिनेत्रियां इस आयोजन में शामिल होंगी। हर बार की तरह इस बार भी महोत्सव में देश-विदेश की फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा जिसके लिए पहले की तरह टपरा टाकीजें भी तैयार की गई हैं जो महोत्सव में देश विदेश के कलाकारों और निमार्ताओं - निर्देशकों के साथ-साथ फि़ल्म प्रशंसकों,पर्यटकों तथा स्थानीय दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। आयोजक राजा बुन्देला ने बताया कि समारोह में शामिल होने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, खजुराहो सांसद तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी.डी.शर्मा, राजनगर विधायक अरविंद पटैरिया सहित अन्य अतिथिगणों को आमंत्रित किया गया है।
राजा बुन्देला ने बताया कि खजुराहो को सीधे मुम्बई से जोडऩे वाली कोई फ्लाइट नहीं होने के बाद फिल्म जगत के नामी-गिरामी सितारों और निमार्ता-निर्देशकों को लाना एक चुनौती रहता है, लेकिन वे इस आयोजन को प्रतिवर्ष कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं उन्होंने कहा कि इस आयोजन से बुंदेली जनता को भी मजा आने लगा है।
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल से कई बुंदेली प्रतिभाओं की किस्मत बदल गई है
श्री बुन्देला के अनुसार  छत्रसाल,आल्हा ऊदल और रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीर वीरांगनाओं की इस धरती को राग रंग का साधन समझे जाने वाले फिल्म उद्योग से परिचित कराना है। राजा बुन्देला बहुत हद तक अपने उद्देश्व में सफल रहे हैं,गौरतलब है कि खजुराहो में शेखर कपूर, बोनी कपूर,चंद्रप्रकाश सिंह, मणिरत्नम जैसे फिल्मकार या तो रूचि ले रहे हैं या अपनी फिल्में यहां फिल्माकित कर चुके हैं। ओरछा, चित्रकूट और खजुराहो आज मुंबईवा फिल्म जगत के लिए प्रिय डेस्टिनेशन बन चुके हैं। हिंदी फिल्मोद्योग का यही प्यार आज बुंदेलखंड के युवाओं के लिए न सिर्फ आजीविका का बड़ा आधार बन चुका है बल्कि बुंदेली रंगमंच, कला,साहित्य और सिनेमा से जुड़े प्रतिभावान युवाओं के लिए मंच बन चुका है।