छतरपुर। प्रदेश में मछुआ नीति लागू कराने और मांझी समाज को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर मांझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने बड़ामलहरा से जिला मुख्यालय तक तीन दिवसीय मांझी अधिकार न्याय पदयात्रा निकाली। यात्रा शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पहुंची और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द से जल्द मांगों को पूरा कराने का आग्रह किया गया।
समिति के प्रांतीय महासचिव सुंदर रैकवार ने बताया कि समिति लंबे समय से प्रदेश के मछुआरों और मांझी समाज के हितों के लिए लड़ती चली आ रही है। मांझी आरक्षण वर्ष 1950 में विंध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल लागू किया था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में इस मामले को संज्ञान में भी लिया था लेकिन बावजूद इसके मछुआ नीति प्रदेश में लागू नहीं हो सकी जिस कारण से मांझी समाज को आरक्षण नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि छतरपुर जिले से यह पदयात्रा शुरू की गई है, आने वाले समय में प्रदेश की सभी विधानसभाओं में यह आंदोलन किया जाएगा और अंत में भोपाल में आरक्षण की लड़ाई लड़ी जाएगी। समिति के प्रदेशाध्यक्ष केशव मांझी ने कहा कि मांझी जाति पहले एसटी में थी लेकिन इस समाज को पिछड़ा वर्ग की सूची में डाल दिया गया है। हमारी मांग है कि मांझी समाज को पिछड़ा वर्ग की सूची से विलोपित कर पुन: जनजातीय सुविधा दी जाए।