खजुराहो। विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में समय समय पर केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी शासन के व्यय पर लगवाई जाती हैं, जिसमें हाथ से बनाई घरेलू उपयोग तथा साज-सज्जा की सामग्री बिक्री हेतु रखी जाती है जिसे देशी-विदेशी पर्यटक तथा स्थानीय लोग खरीद सकते हैं जिससे एक ओर हाथ से बनाई कलाकृतियों का कलाकारों को उचित दाम मिल जाता है। वहीं दूसरी ओर पर्यटन भी बढ़ जाता है, ऐसी ही एक शिल्प एवं बुनाई महोत्सव के अंतर्गत लघु प्रदर्शनी खजुराहो के शिल्पग्राम परिसर में 20  से 26 नवंबर तक सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक के लिए लगाई गई है। उक्त प्रदर्शनी पूरी तरह से फ़्लॉप रही है, कारण उक्त प्रदर्शनी के आयोजकों द्वारा प्रचार-प्रसार नहीं किया गया, बल्कि विभाग का ये महज औपचारिक आयोजन होकर शासकीय राशि के अपव्यय और हस्तशिल्प कलाकारों के साथ अन्याय के अतिरिक्त कुछ नजर नहीं आता। उक्त प्रदर्शनी स्थल पर दोपहर 12 बजे पहुँचने पर देखा गया तो केवल खाली स्टॉल लगे मिले तथा कुछ स्थानों पर ही लगभग एक जैसी सामग्री रखी मिली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम धमना निवासी टेराकोटा कलाकार नोनेलाल प्रजापति की लगभग सभी स्टॉलों पर सामग्री रखी मिली। जानकारी लेने पर हस्तशिल्प सेवा केंद्र विभाग ग्वालियर से आये असिस्टेंट डारेक्टर संदीप पटेल ने बताया कि उक्त प्रदर्शनी में 25 कलाकारों को बुलाया गया है जिसमें 3 कलाकार बाहर से आये हैं जबकि 23 कलाकार स्थानीय और आसपास क्षेत्र के हैं। मौके पर कलाकारों की गैरमौजूदगी के बारे में श्री पटेल ने बताया कि कोई आता ही नहीं हम तो हाथ पैर जोड़कर कुछ को बुला लेते हैं इसमें कम बजट होता है, इसलिए ये आयोजन फीका है। प्रचार-प्रसार के लिए हमारे पास कोई कनेक्शन नहीं था, इसमें शिल्पग्राम प्रबंधन ने हमें अपेक्षाकृत सहयोग नहीं किया, लेकिन हमने 3 से 4 जगह फ्लेक्स लगवा दिए हैं।