छतरपुर। शंखनाद नाट्य मंच एवं जिला पर्यटन, पुरातत्व व संस्कृति परिषद के द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे छतरपुर थिएटर फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ शनिवार की शाम किशोर सागर स्थित ऑडिटोरियम में किया गया। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के पहले दिन मुंबई के कलाकारों ने फैज मुहम्मद खान द्वारा निर्देशित नाटक लव बग की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने प्रेम और हास्य रस के ताने-बाने में बुने गए कथानक को अपने अभिनय के माध्यम से जीवंत कर दिया। छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी और जाने-माने अभिनेता इश्तियाक खान ने दीप प्रज्जवलित कर इस नाट्य महोत्सव का शुभारंभ किया। दर्शकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम में लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस नाटक ने सभी का दिल जीता। कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र शुक्ला ने किया। आयोजन में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
ये थी नाटक की कहानी
नाटक लव बग का कथानक एक प्रेम त्रिकोण के इर्द-गिर्द घूमता है जो प्यार में पडऩे की सामान्य भावनाओं- कल्पना, परमानंद, अस्वीकृति और निराशा से बुना गया है। नाटक में एक नाटक मंडली है जिसने नाटक करना बंद किया था पर पैसे मिले तो फिरसे शुरूकिया और उस मंडली के लोगों में आपस में कैसे समबंध है ,ये नाटक शुरू होने से पहले पता चल जाता है , निजी सम्बंधों को साथ रखते हुए नाटक लवबग शुरू होता है। मुख्य नायक चंदन एक पेशेवर चोर है, जिसका लक्ष्य जीवन में एक महान चोर बनना है, लेकिन उसके मामा सोचता है कि चन्दन  एक मूर्ख है और उसे नहीं लगता कि वह सफल हो सकता है। इससे चन्दन  पूरी तरह से हिल जाता है, और चन्दन सलाह के लिए अपने दोस्तों अंतू, बंटू और शंटू के पास जाता है। वे उससे अपने जीवन में एक प्रेरणा खोजने के लिए कहते हैं - एक प्रेरणा जो आगे बढ़ाएगी उसके लिए जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचना कठिन है - एक सफल आदमी बनने के लिए, या एक महान चोर बनने के लिए, और वो  इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि 'अपने जीवन में  एक लड़की के साथ प्यार में पडऩाÓ भाग्य लाएगा और चन्दन की नाव को ऊंचाइयों तक ले जाएगा। चंदन के जीवन में जिस प्रेरणा की कमी है, उसे जानने के लिए चन्दन के दोस्त  उसे लवबग ट्रेनिंग सेंटर भी भेजते हैं।
प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक, मास्टर, अपनी प्रेम कहानी को सुखद अंत में समाप्त करने में असमर्थ थे और अब वह प्यार में पडऩे की अपनी कड़वी यादों के साथ युवा मस्तिष्क को ढालने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि जग्गू, नाटक का खलनायक, साहिब से तब से प्यार करता है जब वह छोटा बच्चा था और सोचता है कि प्यार को केवल दिल से महसूस किया जा सकता है और लवबग ट्रेनिंग सेंटर की अवधारणा को पूरी तरह से खारिज कर देता है और आखिरी सांस तक साहिब का दिल जीतने की कसम खाता है। साहिब, एक आधुनिक स्वतंत्र महिला, अपने जीवन के प्यार को स्वयं खोजना चाहती है और अपने पिता अब्बा से उसे ऐसा करने देने के लिए कहती है। हालाँकि, रंगीन मिजाज अब्बा चाहते हैं कि उनकी बेटी ऐसे आदमी के साथ घर बसाए जिसका सफल व्यवसाय हो, भले ही वह आदमी पानवाला ही क्यों न हो। उसका जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण है और वह चाहता है कि उसकी बेटी सच्चा प्यार पाने के इंतजार में इसे बर्बाद करने के बजाय अपना भविष्य संवारे।   नाटक लवबग 'प्यारा कीड़ाÓ इन सभी असहमतियों, झगड़ों और सवालों को संगीतमय तरीके से हल करता है।
फैज मुहम्मद खान ने रचा नाटक लव बग
छतरपुर थिएटर फेस्टिवल की पहली शाम मुंबई के कलाकारों द्वारा खेले गए नाटक का निर्देशन और इसका लेखन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली से प्रशिक्षित निर्देशक फैज मुहम्मद खान ने किया।  भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत और तबला में प्रशिक्षित, फ़ैज़ 20 वर्षों से अधिक समय से एक थिएटर व्यवसायी और संगीतकार के रूप में काम कर रहे हैं, वो ख़ुद बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने थिएटर के दिग्गजों, रॉबिन दास, देवेन्द्रराज अंकुर, कीर्ति जैन, अनुराधा कपूर, त्रिपुरारी शर्मा, संजय उपाध्याय, अभिलाष पिल्लई से थिएटर की कला और सौंदर्यशास्त्र और व्यावहारिक अभ्यास सीखा। फैज़ 2013 में मुंबई चले गए और इंडियाज़ बेस्ट ड्रामेबाज़, सबसे बड़ा कलाकार जैसे टीवी रियलिटी शो में एक्ट ट्रेनर और लेखक के रूप में काम किया, अनुराग बसु की जग्गा जासूस में लेखक और सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। फ़ैज़ ने एक लघु फिल्म क़ादिर बनाई है जो उनके द्वारा लिखित और निर्देशित है, उन्होंने बकरापुर, केदारनाथ, जॉली एलएलबी 2, गंगूबाई जैसी कुछ फिल्मों में एक अभिनेता के रूप में काम किया है, कुछ वेब शो, माइनस वन, अरण्यक, सिटी ऑफ़ ड्रीम्स 2 ,शैडो ऑफ ओथेलो, सरकार की सेवा में और कच्चे लिम्बू में काम किया है।