छतरपुर। कार्तिक पूर्णिमा यूं तो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ी है लेकिन यह पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव जी का जन्म हुआ था। आज का दिन भगवान बिरसा मुण्डा के जन्मोत्सव का भी दिन है। समाज में फैले अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाले गुरूनानक देव जी का जन्मोत्सव प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।  गुरूनानक साहेब की जयंती के अवसर पर छतरपुर के महोबा रोड पर स्थित गुरूद्वारे में सुबह से ही धार्मिक आयोजन की शुरूआत हो गयी। गुरूगं्रथ साहेब के पाठ के साथ ही उनके वचनों पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर सभी समाजों के गणमान्य नागरिकों ने गुरूद्वारे में मत्था टेककर सिख समाज के लोगों को प्रकाश पर्व की बधाई दी।
सिख समाज के अध्यक्ष सरनजीत सिंह ने बताया कि गुरूद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में गुरूनानक के वचनों के माध्यम से मानवता की सेवा का मार्ग दिखाया है। सिख समाज ने उनका अनुशरण करते हुए देश भर में मानव सेवा के अनूठे कीर्तिमान रचे हैं। कार्यक्रम के उपरांत सभी ने लंगर का आनंद लिया। दोपहर बाद सिख समाज के द्वारा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शाम को गुरूद्वारा में ही समाप्त हुई। शोभायात्रा का शहर के कई स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया।