जिले में धड़ल्ले से की जा रही अवैध प्लाटिंग
छतरपुर। इन दिनों जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिले में भू माफियाओं द्वारा तमाम नियम और कायदे-कानूनों को दरकिनार कर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही है, जिसका प्रमुख कारण है जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही। दरअसल किसी भी भूमि का विक्रय होने के बाद रजिस्ट्री, डायवर्सन और नामांतरण की प्रक्रिया होती है लेकिन इस दौरान अधिकारियों द्वारा प्रकरण की जांच नहीं की जाती, जिस कारण से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वे धड़ल्ले से कृषि भूमियों पर प्लाटिंग करने में लगे हैं।
रेरा कानून का नहीं किया जा रहा पालन
अधिवक्ता रवि पांडे ने बताया कि सरकार द्वारा बनाया गया रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 यानी रेरा एक्ट का मकसद रियल एस्टेट से जुड़े लेन-देन में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही बढ़ाना और घर तथा भूमि खरीदारों की सुरक्षा करना है। उन्होंने बताया कि प्लॉटिंग और जमीनों का विक्रय करने वाले हर व्यक्ति को रेरा एक्ट के तहत अनुमति लेना और क्रेता को प्लॉट के साथ बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं देना अनिवार्य है लेकिन छतरपुर के ज्यादातर कारोबारी किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। जमीन कारोबारी मुख्य मार्गों से 10-10 किलोमीटर दूर खेतों के बीच प्लॉट काटकर बेच रहे हैं, जहां बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा नहीं है। श्री पांडे ने बताया कि प्लॉट विक्रय के बाद जब रजिस्ट्री की जाती है तब रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी होती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्रेता को बिना मूलभूत सुविधा वाली कृषि भूमि का विक्रय तो नहीं किया जा रहा लेकिन अधिकारी किसी भी प्रकरण में इसकी जांच नहीं करते। इसके बाद डायवर्सन के समय एसडीएम और नामांतरण के समय तहसीलदार को भी इसकी जांच करनी चाहिए लेकिन वहां भी अधिकारी जांच नहीं करते जिसके चलते पूरे जिले में धड़ल्ले से कृषि भूमियों पर प्लॉटिंग करते हुए बिना मूलभूत सुविधाओं वाली जमीनों पर प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं।
एसडीएम बोले- पटवारियों से जांच कराकर जारी किए जाएंगे नोटिस
जब छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की जो भी शिकायतें उन्हें प्राप्त हुई हैं उन्हें संज्ञान में लेकर पटवारियों से जांच कराई जा रही है। तहसीलदार के माध्यम से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद संबंधित प्लॉट विक्रेताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही विक्रेताओं के दस्तावेज और टैक्स जमा करने के संबंध में भी जांच की जाएगी।