छतरपुर। जिले में बाल अपराधों की रोकथाम के संबंध में कलेक्टर पार्थ जैसवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक अगम जैन, जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार, एडीएम मिलिंद नागदेवे, जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. प्रजापति, महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह, जिला संयोजक आदिम जाति विभाग डॉ. प्रियंका राय, डीपीसी अरूण पाण्डेय, निरीक्षक पिछड़ा वर्ग रामकुमार त्रिवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में बाल अपराधों की रोकथाम की जागरूकता, बच्चों और पैरेंट्स की मीटिंग, दीवार लेखन, बाल अपराधों के कानून की जानकारी एवं शिक्षकों की काउंसलिंग के संबंध में आवश्यक समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि स्कूलों में पैरेंट्स मीटिंग का आयोजन कराएं और बच्चों को बाल अपराधों की जरूरी जानकारी से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कुछ कॉलेजों और स्कूलों को चिन्हित करें बड़े स्तर पर ओरिएंटेशन कार्यक्रमों का आयोजन कराएं। जिसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक बच्चों की उपस्थित अधिक संख्या में हो। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि एसडीएम, तहसीलदार और अन्य अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करें। साथ ही समस्त स्कूलों के सीसीटीवी कैमरों क्रियाशील होने के जांच करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि रोस्टर अनुसार जनजातीय, पिछड़ावर्ग, कस्तूरबा छात्रावासों में भी बच्चों के लिए ओरिएंटेशन का आयोजन कराएं। साथ ही बच्चों को बुरी आदतों को छोडऩे और अच्छे आचरण को अपने जीवन में उतारने सहित पोषणयुक्त खानपान के संबंध में जरूरी मार्गदर्शन देते हुए जागरूक करें।
शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए होगी वर्कशॉप
कलेक्टर ने कहा ब्लॉक स्तर पर काउंसलर भेजें और वर्कशॉप के माध्यम से शिक्षकों को बच्चों और पैरेंट्स के बीच बेहतर समन्वय के बारे में जरूरी बातों से रूबरू कराएं। उन्होंने कहा बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएं, आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी। एसपी श्री जैन ने कहा दीवार लेखन के माध्यम से पुलिस सहायता सहित अकास्मिक सेवाओं के टोल फ्री नंबर और जागरुकता श्लोगन लिखे जाएं। साथ ही पेंटिंग बनाकर बाल अपराधों के रोकथाम और कानूनों के विषय के बारे में जागरूक किया जाए।