छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नव प्रवेशित स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन 29 एवं 30 अगस्त को कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी के संरक्षण में गुरुवार 29 अगस्त को प्रारंभ किया गया। इस दीक्षा कार्यक्रम के समन्वयक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. आरके पांडे के अनुसार इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्नातक स्तर की कक्षाओं में नव प्रवेशित छात्रों को विश्वविद्यालय की अधोसंरचना एवं अन्य सुविधाओं से भली भांति अवगत करवाना है। विश्वविद्यालय की मीडिया समिति सदस्य पूजा तिवारी के मुताबिक यह दीक्षा कार्यक्रम संकायवार दो पालियो में आयोजित किया जा रहा है। प्रात: 10 बजे से 12 तक कला संकाय के विद्यार्थियों के लिए एवं अपराह्न 01 बजे से 03 बजे तक विज्ञान संकाय एवं वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. ममता वाजपेई, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. आरके पांडे, प्रो. जेपी शाक्य, डॉ. बी पी एस गौर मंचासीन रहे। इस अवसर पर शुभा तिवारी ने विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन में आत्म विश्लेषण करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यह सोचना होगा कि मुझे कैसा नागरिक बनना है, मैं किस पृष्ठभूमि से हूं, मेरा समग्र विकास किस तरह संभव है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की योग्यताओं एवं क्षमताओं के उन्नयन में सहायक होगा।  
 प्रोफेसर जेपी शाक्य ने विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हर तरह की सुविधाओं से युक्त है यहां डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं हैं, तो रोजगार के लिए रोजगार मेले का आयोजन भी किया जाता है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. ममता बाजपेई ने विश्वविद्यालय की अधो संरचना एवं अन्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रो. आरके पांडे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं परीक्षा प्रणाली से अवगत कराते हुए मेजर, माइनर, ओपन इलेक्टिव, वोकेशनल कोर्स, क्रेडिट सिस्टम की जानकारी दी द्यउन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने होने के लिए 35 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता होती है। डॉ. बीपीएस गौर  ने कहा कि खेल गतिविधियां हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।