छतरपुर। प्रदेश में असाक्षरों को साक्षर बनाकर शत प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।जिसमे पहले प्रत्येक बसाहट में असाक्षरों का सर्वे किया जाता है।फिर सामाजिक चेतना केन्द्रों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित कर अक्षर साथियों के द्वारा साक्षर किया जाता है।इसके बाद उनका मूल्यांकन भी किया जाता है।
16 फरवरी रविवार को राज्य साक्षरता कंट्रोलर डॉ. राकेश दुबे,जिला कलेक्टर पार्थ जैसवाल एवम् जिला सी ई ओ तपस्या सिंह परिहार के निर्देशन में मूलभूत साक्षरता एवम् संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन उल्लास पूर्वक किया गया। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित हुई उक्त परीक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति का लक्ष्य रखा गया था।
 मीडिया प्रभारी अनुपम त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा में सभी ग्राम प्रभारियों द्वारा पर्याप्त व्यवस्थाएं कीं गईं थीं।सभी केंद्रों पर सभी शिक्षकों एवम् अक्षर साथियों ने पूरा सहयोग किया।उक्त परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर नियंत्रक राज्य शिक्षा केंद्र डॉ राकेश दुबे ने एक दिन पूर्व वी सी के माध्यम से सभी जिलों से चर्चा की एवं मोटिवेट किया था।
जिले में 1853 परीक्षा केंद्रों पर 65000 नव साक्षरों का था लक्ष्य
 जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र निगम ने बताया कि जिले में 2011की जनगणना के अनुसार 65000 असाक्षरों को साक्षर कर परीक्षा में शामिल कराने का लक्ष्य दिया गया था। जिसको ब्लाकबार विभाजित करने पर छतरपुर 12000, राजनगर 10600, बिजाबर 5600, बकस्वाहा 4500, बड़ामलहरा 10600, नौगांव 9900, गौरिहार 6200, लवकुशनगर 5600 का लक्ष्य निर्धारित किया गया।इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिले में 1853 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।जिले में  डीपीसी ए एस पांडे के मार्गदर्शन में आयोजित परीक्षा की सघन मॉनिटरिंग की गई।जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी श्री निगम एवम् जिला सह समन्वयक शफीक अहमद ने कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।इसके साथ ही डाइट,जनपद शिक्षा केंद्रों के अमले एवम् ब्लॉक,संकुल सह समन्वयकों द्वारा भी सघन निगरानी की गई।
परीक्षा में अपनी सुविधा अनुसार शामिल हुए नवसाक्षर
 रविवार को प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित परीक्षा में नवसाक्षरों को मात्र 3 घंटे ही परीक्षा देना थी।उन्हें यह सुविधा थी कि वे किसी भी समय परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर पेय जल आदि की भी अच्छी व्यवस्थाएं की हैं थीं।
साक्षरता कार्यक्रम में डिजिटल तकनीक का हो रहा उपयोग
 जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।इसके लिए प्रदेश में गठित राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा मोबाइल एप और पोर्टल भी विकसित किया गया है।कार्यक्रम में डोर टू डोर सर्वे एवं साक्षरता कक्षाओं की मॉनिटरिंग जियो टैग के माध्यम से की जा रही है।
रोटरी क्लब कर रहा सहयोग
नवसाक्षरों को परीक्षा केंद्रों तक लाने में विभिन्न संगठन सहयोग कर रहे हैं।इसी क्रम में रोटरी क्लब द्वारा बड़ी संख्या में अक्षर पोथी छपवाकर उपलब्ध कराई गई है।जिससे सी एस आर फंड से बड़ी संख्या में अक्षर पोथी छपवाने में सहयोग मिल रहा है।