छतरपुर। मप्र पंचायत सचिव संगठन की प्रदेश इकाई के आह़्वान पर जिला इकाई ने पंचायत सचिव जागृति संपर्क क्रांति सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन के माध्यम से सचिवों की समस्याओं को शासन स्तर तक पहुंचाने एवं उनका हल कराना मुख्य उद्देश्य है।
मप्र पंचायत सचिव संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दिनेशचन्द्र शर्मा ने मोटे के महावीर प्रांगण में स्थित अटल सभागार में उपस्थित सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि सचिव संगठन सरकार की रीढ़ की हड्डी की तरह है। गांव-गांव में एक-एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सचिव काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें इनका लाभ नहीं दिया जा रहा। 1995 में पंचायत सचिवों की भर्ती हुई थी लेकिन लगभग 15 साल बाद उनकी सेवा की गणना की गई। 6वें वेतनमान को नियुक्ति दिनांक से गिना जाकर सातवां वेतनमान लागू करना संगठन की प्रमुख मांग है। सचिवों के साथ जिस तरह से छलावा हो रहा है उसको ध्यान में रखते हुए यह जागृति संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। सचिवों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रहेगी। प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोनाकाल में हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन कराया गया और लोगों को संकट से बाहर निकाला गया है। इसके बाद भी उनके साथ सही बर्ताव नहीं हो रहा। न्यायालय के माध्यम से 1995 से ही नियुक्ति की गणना का आदेश हुआ है जिसे लागू किए जाने हेतु अधिकारियों को लिखा गया है।