छतरपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छतरपुर के तत्वाधान में एडीआर सेन्टर भवन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला ने मां सरस्वति के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्त, विशेष न्यायाधीश उपेंद्र प्रताप सिंह, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एडीजे अनिल कुमार पाठक, एडीजे अरिवंद कुमार जैन, एडीजे नरेश महरवान सिंह मीना, एडीजे राजेश कुमार अग्रवाल, एडीजे हिमांशु शर्मा, सीजेएम रविकांत सोलंकी, न्यायाधीश राजू सिंह डावर, दीपक चौधरी, महेंद्र सिंह रावत, अनुराग सिंह सुमन, अरिवंद गुर्जर, सुश्री गौरी सक्सेना, सुश्री शिमोना सिंह, जिला अभियोजन अधिकारी प्रवेश कुमार, लोक अभियोजक दिनेश तिवारी, जेल अधीक्षक रामशिरोमणि पांडे, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष विनोद दीक्षित, जिला विधिक सहायता अधिकारी हेमंत कुशवाहा, बीमा कंपनियो, विद्युत विभाग, नगर पालिका, बीएसएनएल के अधिकारी, अदालत के कर्मचारी, लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल सिस्टम, पक्षकार सहित अधिवक्तागण मौजूद रहे। नेशनल लोक अदालत में कुल 30 खण्डपीठ बनाई गई।
अब खुशी से रहेंगे दम्पत्ति:
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पति-पत्नियों के बीच पारिवारिक विवाद के 254 मामलों में न्यायालय एवं मीडिएटर्स के द्वारा पति-पत्नियों को बुलाकर उन्हें समझाया। पति-पत्नी ने अदालत के सामने पर एक-दूसरे के साथ रहने का वादा किया। और इस तरह अदालत की पहल पर टूटते हुए परिवार फिर बस गए। कोर्ट में ही पति-पत्नियों ने एक दूसरे को फूल माला पहनाकर मिठाई खिलाई। और खुशी-खुशी दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करने घर चले गए।
860 लंबित मामलों का हुआ निराकरण, 6 करोड़ 92 लाख 31 हजार 876 रूपए की अवार्ड हुई राशि, 2247 लोग हुए लाभान्वित:
नेशनल लोक अदालत में जिला स्तर पर 12 और तहसील स्तर पर 18 खण्डपीठो का गठन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में 5243 लंबित मामले रखे गए थे जिनमें 860 मामलों का आपसी सहमति से राजीनामा कर निराकरण किया गया और इन मामलों में 6 करोड़ 92 लाख 31 हजार 867 रूपए की राशि अवार्ड की गई। इन मामलों में 2247 लोगों को लाभ मिला है। दुर्घटना क्लेम के 51 मामलों का निराकरण कर 2 करोड़ 26 लाख 72 हजार 5 सौ रुपए की राशि अवार्ड की गई और 218 लोगों को लाभ मिला। चैक बाउंस के 247 मामलों का निराकरण कर 3 करोड़ 33 लाख 41 हजार 741 रूपए का अवार्ड पारित कर 247 लोगों को इसका लाभ दिया गया। पति-पत्नी के बीच चल रहे 277 मामलो में 99 मामलो का निराकरण हुआ जिसमें 254 लोग लाभान्वित हुए। 2309 आपराधिक मामलों में 315 मामले निराकृत कर 827 लोगों को लाभ दिया गया। बिजली बिलों से संबंधित 205 मामलों में से 56 मामलों का निराकरण कर एक करोड़ 19 लाख एक हजार 775 रुपए वसूल कर 61 लोगों को लाभ मिला। 1246 अन्य मामलों में 218 मामलों का निराकरण कर एक करोड़ 14 लाख 95 हजार 851 रूपए की राशि अवार्ड कर 640 लोग लाभान्वित हुए।
प्रीलिटीगेशन के 809 मामलों में एक करोड़ 36 लाख 78 हजार 616 रुपए की राशि वसूली:
लोक अदालत में कोर्ट में आने के पूर्व विवादित अन्य विभागों के मामलों का भी निराकरण किया गया जिनमें बैंकों के वसूली के 4983 मामलों में 174 मामलो का निराकरण कर 88 लाख 24 हजार 650 रुपए की राशि वसूली गई और 220 लोगों को लाभ मिला। नगर पालिका के जल कर के 1531 मामलों में 344 मामलो का निराकरण कर 24 लाख 83 हजार 553 रूपए की राशि वसूल कर 346 लोगों को लाभ मिला। विद्युत विभाग के 6648 मामलों में 197 मामलो का निराकरण कर 20 लाख 18 हजार 719 रूपए वसूल किए गए और 199 लोगों को लाभ मिला। इसके साथ ही 460 अन्य मामलों में 94 मामलो का निराकरण कर 3 लाख 51 हजार 692 रूपए की राशि वसूल कर 96 लोगों को लाभ मिला।