सिर्फ न्याय संहिता नहीं, पुलिस के व्यव्हार में भी बदलाव जरूरी: आगम जैन

छतरपुर। आवाज एवं महिला सुरक्षा शाखा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा नये कानून और मानव दुव्र्यापार विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला में शामिल हुए एसपी आगम जैन ने कहा कि नई विधि संहिता तो लागू हो गई है, परंतु इसके साथ-साथ पुलिस को अपने व्यवहार में भी परिवर्तन करने की आवश्यकता है, जिससे लोगों का पुलिस पर विश्वास बढे।
प्रशिक्षण में भोपाल से आई प्रशिक्षक सुश्री शिखा छिब्बर ने परिवर्तित कानूनों के बारे में बताया कि, नई संहिता में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया गया है। तकनीक का प्रयोग न्याय की कार्यवाही में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, जिससे पीडि़त को न्याय मिलने में आसानी होगी। शिक्षा ने आगे बताया कि महिलाओं और बच्चों को लेकर काफी बदलाव हुए हैं, जिन्हे समझने और सही से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने मानव दुव्र्यापार को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों और नए प्रावधानों का भी जिक्र किया। नए कानून में बच्चे की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है, इसी तरह कई धाराओं में संशोधन भी किये गए हैं जिन्हें विस्तार से प्रशिक्षण में बताया गया। पुलिस की ओर से शामिल जिला अभियोजन अधिकारी केके गौतम ने नई संहिता के साथ-साथ बाल विवाह व बच्चों से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की। उन्होंने नई संहिता में उल्लेखित बालक की परिभाषा को विस्तार से समझाया। आवाज के राज्य समन्वयक नितेश व्यास ने आवाज एवं महिला सुरक्षा शाखा द्वारा चलाये जा रहे अभियानों व आवाज के द्वारा सभी जिलों एवं जिले के बक्सवाहा ब्लॉक में दुव्र्यापार के खिलाफ किये जा रहे प्रयासों को भी बताया। प्रशिक्षण में जिले में थानों के थाना प्रभारी, थानो के बाल कल्याण अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, ऊर्जा डेस्क अधिकारी सहित लगभग 40 अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण किया गया। इसके साथ ही नए कानून के प्रावधानों के अनुसार सभी अधिकारी, पदाधिकारियों को शामिल करते हुए नाटक का मंचन किया गया। प्रशिक्षण में सम्मिलित और सहयोगी सभी लोगों का आभार प्रदर्शन कटनी जिला समन्वयक देवेन्द्र गुप्ता ने किया। आवाज की ओर से ब्लॉक समन्वयक कप्तान परमार भी प्रशिक्षण में शामिल हुए।