टीकमगढ़ बॉर्डर से पकड़ा गया कुख्यात हत्यारा रानू राजा
छतरपुर। जिले के बहुचर्चित महेन्द्र गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी को लंबी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उक्त घटना में शामिल 10 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन मुख्य आरोपी लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। बीती रात पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी टीकमगढ़ बॉर्डर के निकट मौजूद है। सूचना मिलने के बाद छतरपुर के सिविल लाइन थाना पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कंट्रोल रूम में मीडियाकर्मियों को उक्त कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दी। आरोपी रानू राजा ने महेन्द्र गुप्ता के अलावा जिले में तीन और हत्याएं करने का जुर्म कबूल किया है। वहीं खुलासे के बाद सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी रानू राजा का छत्रसाल चौराहे से न्यायालय तक जुलूस भी निकाला।
पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने बताया कि 4 मार्च 2024 को शहर के सागर रोड पर गजराज पैलेस के सामने बसपा नेता ईशानगर निवासी महेन्द्र गुप्ता की पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या की गई थी। घटना के मुख्य आरोपी राजकुमार सिंह उर्फ रानू राजा सहित कुल 11 लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया था, जिसमें से मुख्य आरोपी को छोड़कर अन्य सभी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी रानू राजा की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। उसकी गिरफ्तारी पर 90 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। गुरुवार की शाम सिविल लाइन पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि रानू राजा टीकमगढ़ बॉर्डर के समीप मौजूद है। सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीकि चौबे ने अपनी टीम के साथ संबंधित स्थान की घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इन चार हत्याकांडों का हुआ खुलासा
पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने बताया कि आरोपी राजकुमार सिंह उर्फ रानू राजा ने पुरानी रंजिश के चलते महेन्द्र गुप्ता की हत्या करने के अलावा तीन और हत्याएं करना स्वीकार किया है। आरोपी रानू राजा ने पुलिस को बताया है कि उसने वर्ष 2019 में उसने ग्राम सीगौन निवासी भोपाल सिंह की गोली मारकर हत्या की थी। इस प्रकरण के मुख्य साक्षी सीगौन निवासी महेश लुहार के ऊपर उसने न्यायालय में साक्ष्य बदलने हेतु दबाव बनाया था और जब महेश लुहार ने उसकी बात नहीं मानी तो रानू राजा ने षड्यंत्र पूर्वक उसका अपहरण कर लिया था। बाद में भेद खुलने के भय से उसने महेश लुहार की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी और उसके शव को चंबल नदी में फेक दिया था। इसके अलावा रानू राजा ने बमीठा निवासी अर्जुन सिंह की हत्या करना भी स्वीकार किया है। इन सभी प्रकरणों के विभिन्न पहलुओं की विवेचना जारी है।
इस टीम की रही सराहनीय भूमिका
पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन प्रमोद वर्मा, पुलिस उपमहानिरीक्षक छतरपुर रेंज ललित शाक्यवार, पुलिस अधीक्षक अगम जैन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह द्वारा एसडीओपी बिजावर शशांक जैन और सीएसपी छतरपुर अमन मिश्रा के नेतृत्व में गठित की गई पुलिस टीम में निरीक्षक वाल्मीकि चौबे, उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र अहिरवार, शैलेन्द्र चौरसिया, दीपक यादव, अतुल कुमार झा, किशोर पटेल, वीरेन्द्र रैकवार, राजकुमार तिवारी, संजय पाण्डेय, प्रधान आरक्षक सतेन्द्र त्रिपाठी, प्रहलाद, भूपेन्द्र अहिरवार, बृजेश यादव, आरक्षक नरेश, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, भूपेन्द्र यादव, अरविंद यादव, पवन कुमार संजीव कुमार, बृजभान सिंह, रामप्रताप कुशवाहा, गौरव तिवारी, सतीश यादव, नरेन्द्र प्रजापति, दयाराम पटेल, श्याम सुंदर पाठक, धर्मेन्द्र पटेल, सायबर सेल टीम के उपनिरीक्षक संदीप खरे, सिद्धार्थ शर्मा, कल्पना गुप्ता, प्रधान आरक्षक किशोर रैकवार, संदीप तोमर, आरक्षक विजय ठाकुर, धर्मराज पटेल व सागर साइबर सेल के विजय शुक्ला, मुकेश राजगीर एवं आईटी सेल केक राहुल भदौरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।