छतरपुर। पुण्य क्षेत्र बागेश्वर धाम में पिछले तीन दिनों से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन कथाव्यास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने भक्ति के प्रसंग से कथा की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि जो जगत में जगदीश्वर का दर्शन कराए, महात्मा में परमात्मा का दर्शन कराए वही भक्ति है। उन्होंने लय और विलय के प्रसंग का विस्तार से उत्तर दिया।
कथाव्यास महाराजश्री ने श्रीमद् भागवत महापुराण के प्रसंगों का व्याख्यान करते हुए कहा कि यह महापुराण साधना के साथ जीना सिखाती है। उन्होंने कहा कि माता में परमात्मा के दर्शन और महात्मा में परमात्मा के दर्शन कराने वाली भक्ति ही है। बड़ी संख्या में बागेश्वर धाम पीठ के कथास्थल पर लोग कथा सुनने आ रहे हैं। अपनी अमृतमयी वाणी से कथा का विस्तार करते हुए महाराजश्री ने कहा कि जिस तरह से रामचरित मानस संयोग का विषय है उसी तरह श्रीमद् भागवत महापुराण वियोग का विषय है। वहीं गीता योग का विषय है। महाराजश्री ने कहा कि जगत में यदि कल्याण का भाव पैदा हो रहा है तो इसका अर्थ है कि उस जीव पर भगवत कृपा हो रही है। कथा में शामिल होने बुन्देलखण्ड के योगी कहे जाने वाले महात्मा जी के अलावा अन्य संत उपस्थित हुए।