छतरपुर। मंगलवार को जिला चिकित्सालय के प्रशिक्षण केन्द्र में दोपहर 12 बजे स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति नर्सिंग स्टॉफ को केयर कम्पेनियन प्रोग्राम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। उक्त कार्यक्रम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश का एक अनूठा प्रयास है जिसमे सहयोगी संस्था योसेड द्वारा इस कार्यक्रम को आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अस्पताल में भर्ती मातृ एवं शिशु स्वास्थ के लाभार्थियों के साथ आने वाले परिजनों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना है। जिससे लाभार्थियों की अस्पताल से जाने के बाद घर पर बेहतर देखभाल होने के साथ उनके स्वास्थ्य संबंधी जिज्ञासाओं का मोबाइल केयर कम्पेनियन सेवा के माध्यम से निराकरण किया जा सके। इस प्रशिक्षण के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग ऑफिसरों को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के विषय में जागरूक किया जाकर विभिन्न स्वास्थ्य शिक्षण सामग्री के उपयोग से स्वास्थ्य शिक्षण का कौशल उन्नयन किया गया जिससे वे स्वास्थ्य देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
पिछले आठ माह में इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल छतरपुर की नर्सिंग ऑफिसर द्वारा 1912 ग्रुप काउंसलिंग सत्र के माध्यम से 35441 से अधिक परिजनों को प्रशिक्षित किया गया है, जो इस कार्यक्रम की सफलता और प्रभावशीलता को दर्शाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अस्पताल आने वाले गर्भवती/प्रसूता महिला एवं उनके परिजनों को विविध टूल्स के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही एक नि:शुल्क मोबाइल स्वास्थ सेवा के उपयोग के बारे मे भी बताया जा रहा है, जिसके कारण समुदाय में भी आवश्यक स्वास्थ्य  संबंधी जागरूकता बढ़ रही है। इस अवसर पर प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र सिविल सर्जन डॉ. जी.एल. अहिरवार द्वारा प्रदान किये गए। इस अवसर सिविल सर्जन ने संबोधित  करते हुए कहा कि जितनी आवश्यकता मरीज़ को चिकित्सा उपलब्ध कराने की है उतनी ही आवश्यकता परामर्श की भी है। इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देखभाल कर्ताओं को भी स्वास्थ्य जानकारी प्रदान करना एक बेहतर विकल्प है जिससे हम भविष्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में समुदाय को सशक्त कर सकते हैं। डीएचओ धीरेंद्र गुप्ता ने प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को केयर कम्पेनियन मोबाइल सर्विस से जोड़ा जाना सुनिश्चित करें जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य संदेश पहुंचाया जा सके।