छतरपुर। जैविक खेती को बढ़ावा देने की मंशा से गुरुवार को शहर के गांधी आश्रम में जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित रहे बिजावर ब्लॉक के किसानों को बिलासपुर से आए प्रशिक्षक महेश शर्मा ने जैविक खेती के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनके द्वारा मोटे अनाज को सेहत के लिए वरदान बताते हुए इसकी खेती का विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान महेश शर्मा ने बताया कि एक दशक पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मोटा अनाज खाते थे लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी मान्यता हो गई कि मोटा अनाज गरीब लोग खाते हैं, इसलिए लोगों ने इसे खाना बंद कर दिया। हालांकि अब शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी मोटे अनाज की तलाश करने लगे हैं क्योंकि मोटा अनाज हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि मोटा अनाज खाने वाले लोगों को शुगर और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियां नहीं होती और चिकित्सक भी इसका सेवन करने की सलाह देते हैं, ऐसे में हम लोगों को जैवकि खेती के माध्यम से मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और इसके तरीके बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है, हालांकि समय के साथ किसानों ने पुरानी खेती छोड़कर नए तरीके से खेती करना शुरु कर दिया है, जिसके हमें कई नुकसान हैं। गांधी आश्रम स्मारक निधि की सचिव दमयंती पाणि ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हमने 5 तरह के मोटे अनाज के बारे मे जाना और इनकी जैविक खेती का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान तीन तरह के मोटे अनाज की बुवाई की गई है जबकि दो प्रकार के मोटे अनाज की बुवाई बरसात के मौसम की जाएगी। उन्होंने कहा कि चूंकि हमने परंपरागत खेती छोड़ दी है इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व हमें मिलना बंद हो गए और इसी कारण से लोग जल्दी बीमार होने लगे हैं। प्रशिक्षण के दौरान गांधी आश्रम की ओर से गोलू मिश्रा, राजेन्द्र गोस्वामी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बिजावर, एलपी तिवारी वरिष्ठ कृषि अधिकारी बिजावर मौजूद रहे।