छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह दिन प्रवासी भारतीयों की हिंदी के प्रति सेवा एवं समर्पण को समर्पित है। हिन्दी विश्व भाषाओं के मस्तक का दैदीप्यमान भाल है। यह भाषा विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। सोशल मीडिया, सिनेमा, साहित्य तथा भारतीय संस्कृति के प्रति विदेशियों का दिन-प्रतिदिन बढ़ता अनुराग हिन्दी को विश्व भाषा का स्थान दिला रहा है। यह उल्लेखनीय है कि अंग्रेज़ी के बाद दुनिया भर में सर्वाधिक व्यवहृत भाषा हिन्दी है।
हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक वंदना शुक्ला ने कहा कि हिंदी की लोकप्रियता यह है कि जनसमर्थन, सरलता, सुग्राह्यता और प्रभावशीलता के कारण ही विश्व में अपनी पहचान बनाई है।  विश्व स्तर पर हिन्दी स्वयं को सिद्ध कर चुकी है। हिन्दी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है जबकि हकीकत यह है कि अंग्रेजी के बाद हिन्दी ही विश्व की दूसरे नंबर पर सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशियों में हिन्दी भाषा सीखने और जानने वालों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। आज वैश्विक स्तर पर यह सिद्ध भी हो चुका है।
हिंदी विभाग कि सहायक प्राध्यापक खुशबू चौहान ने कहा कि हिन्दी भाषा अपनी लिपि और ध्वन्यात्मकता (उच्चारण) के लिहाज से सबसे शुद्ध और विज्ञान सम्मत भाषा है। हमारे यहां एक अक्षर से एक ही ध्वनि निकलती है और एक बिंदु (अनुस्वार) का भी अपना महत्व है। दूसरी भाषाओं में यह वैज्ञानिकता नहीं पाई जाती। हिन्दी भाषा भारतवर्ष के गौरव का प्रतीक हैं, विश्व परिदृश्य में हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता हम सभी हिंदुस्तानियों को गौरवान्वित  महसूस करती हैं ।
संगोष्ठी में मानविकी विज्ञान संकाय के प्राध्यापक डॉ. नीरज सिंह, डॉ. विजय कुमार, डॉ.राममिलन दुबे, सत्यवती चौरसिया, हिमांशु दीक्षित, गुंजन निगम, राम प्रसाद रजक, रजनी गुप्ता, पुष्पेंद्र अहिरवार, बबिता कुमारी रीना शर्मा, ऋचा पाठक, शोभा जी यादव और छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम, चैयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम, कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट, उपकुलपति गिरीश त्रिपाठी एवं कुलसचिव विजय सिंह ने व्याख्यान माला के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाऐं प्रेषित कीं।