पुरस्कार लक्ष्य नहीं, मानसिक विक्षिप्तों की सेवा जारी रहेगी
छतरपुर। पिछले करीब 3 दशक से अधिक समय से मानसिक विक्षिप्तों की सेवा करने वाले डॉ संजय कुमार शर्मा को हाल ही में सामाजिक न्याय, दिव्यांग जन अधिकारिता मंत्रालय की ओर से सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ शर्मा लगातार मानसिक विक्षिप्तों की सेवा में लगे हैं। विगत रोज सूचना मिलते ही वे एक मंदबुद्धि महिला तक पहुंचे और उसे न केवल भोजन दिया बल्कि ठंड से बचाव के लिए कंबल उपलब्ध कराया। सुबह अस्पताल में इलाज दिलाने के बाद महिला को परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी श्री शर्मा ने निभाई।
डॉ संजय कुमार शर्मा बताते हैं कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मोटे के महावीर मंदिर के पास एक महिला पिछले दो-तीन दिनों से रह रही है, वह मानसिक रूप से मंदबुद्धि है। चूंकि डॉ शर्मा लंबे समय से ऐसे लोगों की दशा सुधारने में लगे हैं इसलिए उन्होंने महिला के पास जाकर अपने स्तर से पूछताछ की तो उसने अपना नाम राजकुमारी अहिरवार निवासी हिम्मतपुरा बताया। महिला के इतना बताने के बाद डॉ शर्मा ने हिम्मतपुरा में उसका परिवार खोजने के प्रयास किए। अंततोगत्वा प्रयास सफल हुए और महिला के पति धन्नू अहिरवार तथा महिला की मां को जिला मुख्यालय बुलाने में कामयाबी मिल गई। छतरपुर आए धन्नू ने बताया कि उसकी 5 संतानें हैं, मौका पाकर उसकी पत्नी राजकुमारी घर से भाग जाती है। पत्नी का इलाज चल रहा है। धन्नू ने डॉ शर्मा को भरोसा दिया कि वह अब अपनी पत्नी की विशेष रूप से देखभाल करेगा। डॉ शर्मा ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपना कार्य करने में अब आनाकानी करेंगे। पुरस्कार अपने स्थान पर है और विक्षिप्तों की सेवा अपने स्थान पर। यह सेवा जीवनपर्यंत जारी रहेगी। महिला को उसके परिवार से मिलाकर डॉ शर्मा ने राहत महसूस की है।