लगातार हो रही बारिश से उफान पर आए नदी-नाले

खेतों में भरा पानी, नहीं हो पा रही बुवाई, किसान मायूस
छतरपुर। जिले में पिछले 4-5 दिनों से हो रही तेज बारिश ने नदी-नालों को उफान पर ला दिया है। खेतों में पानी भर जाने से किसानों की बोवनी प्रभावित हो रही है, जिससे वे मायूस हैं। सोमवार रात से मंगलवार शाम तक कई बार तेज बारिश हुई, हालांकि दोपहर में कुछ देर के लिए धूप भी निकली। वहीं, शहरी इलाकों के लोग बारिश का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें गर्मी से राहत मिली है।
जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण टीकमगढ़-छतरपुर सीमा पर धसान नदी पर बना सुजारा बांध लबालब भर गया है। बीती रात 2 बजे बांध केक 7 गेट 0.50 मीटर तक खोले गए थे और इसके बाद मंगलवार की सुबह 8 बजे सभी 12 गेट खोलकर धसान नदी में 420 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गेट खुलने से नदी का जलस्तर 5-6 फुट बढऩे की संभावना है, जिसके चलते निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं जिला मुख्यालय के समीप से निकली उर्मिल नदी भी उफान पर रही। छतरपुर से देरी जाने वाले मार्ग के पुल पर पानी बहने से संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया, एक एंबुलेंस को भी वापस लौटना पड़ा। वहीं जबकि कुछ लोग जान जोखिम में डालकर पानी में नहाते देखे गए। प्रशासन का कोई अधिकारी या कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे लोगों में नाराजगी है।
राजनगर में सबसे अधिक, लवकुशनगर में सबसे कम हुई बारिश
मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार छतरपुर जिले में इस वर्ष अब तक कुल 59.2 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि औसत बारिश 7.4 इंच है। सबसे अधिक बारिश राजनगर में 13.8 इंच और सबसे कम लवकुशनगर में 2.8 इंच हुई। इसके अलावा छतरपुर में 4.8 इंच, बिजावर में 7.6 इंच, नौगांव में 8.6 इंच, गौरिहार में 5 इंच, बड़ामलहरा में 7.3 इंच और बकस्वाहा में 9.3 इंच दर्ज की गई है। किसान गब्बर सिंह लोधी और मूलचंद प्रजापति ने बताया कि कई दिनों से हो रही बारिश के कारण फसलों की बोवनी पूरी तरह से नहीं हो पाई है। नदी-नाले उफान पर हैं और लगातार बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया है। किसानों का कहना है कि इस स्थिति से उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है।