नौगांव। धनतेरस से पहले सोमवार की दोपहर के समय खाद्य  विभाग और राजस्व टीम ने संयुक्त रूप से कोठी चौराहे पर स्थित शांति स्वीट्स पर छापामार कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान खाद्य विभाग की टीम ने मिठाइयों के सैंपल भरने की कार्रवाई की है। बीते सप्ताह  प्रतिष्ठित बीकानेर मिष्ठान भंडार के मिठाई निर्माण कारखाने पर भी प्रशासन की टीम ने छापामार कार्रवाई की थी, कार्रवाई के दौरान प्रशासन की टीम को छेना के भंडार में कीड़े, मरा हुआ चूहा, बेसन में कीड़े, घुने काजू, अमानक स्तर की मूंगफली, अमानक डालडा सहित गंदगी मिली थी, प्रशासन ने मामले में सैंपल लेकर लैब टेस्ट रिपोर्ट के लिए भेज दी है, मजेदार बात तो यह है 14 दिनों में आने वाले रिपोर्ट जब एक माह के बाद आएगी तब तक तो दीपावली पर्व में इसकी बिक्री हो जाएगी। ऐसे में प्रशासन की कार्रवाई पर उठ रहे हैं, क्योंकि जब सैंपल रिपोर्ट आएगी तब कार्रवाई की जाएगी लेकिन तब तक तो यह अमानक सामग्री से निर्मित मिठाई भोली भाली जनता को बेच दी जाएगी।
बीकानेर मिष्ठान भंडार के कारखाना पर प्रशासन की टीम ने कार्रवाई करते हुए अमानक स्तर की उपयोग हो रही सामग्री के सैंपल लिए हैं, साथ ही गंदगी एवं निम्न स्तर के सामग्री का उपयोग करके बनाई जा रही मिठाई के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। मिठाई दुकान संचालक के द्वारा सबसे स्वच्छ एवं विश्वसनीय होने का दावा किया जाता था, लेकिन जब प्रशासन ने कार्रवाई की तो इस दावे की पोल खुलकर सामने आ गई। नौगांव क्षेत्र के प्रशासनिक महकमें के साथ साथ शहर के अधिकांश लोग इसी दुकान से मिष्ठान क्रय करते हैं। दीपावली पर्व के नजदीक होने के चलते बीते सप्ताह एसडीएम विशा माधवानी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी वंदना जैन सहित अन्य राजस्व एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों ने शहर के कई मावा दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर सैंपल लिए, इसके बाद प्रशासन की टीम ने प्रतिष्ठित बीकानेर मिष्ठान भंडार के मिठाई निर्माण कारखाने पर छापामार कार्रवाई की गई। प्रशासन की टीम को मिठाई कारखाने में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी देखने को मिली। कारखाने में चार ओर गंदगी का आलम पसरा हुआ था, टीम ने सैंपलिंग की तो बेसन में कीड़े मिले, घुने हुए निम्न स्तर के काजू, घुनी मूंगफली, पाम तेल, अमानक स्तर का डालडा, मरा हुआ चूहा, छेना में कीड़े सहित अन्य कई प्रकार की अमानक स्तर की गंदगी और मिठाई का निर्माण होते मिला था। जिसके बाद टीम ने सैंपल भरकर जांच के लिए सागर की प्रयोगशाला में भेज दिए हैं। छापामार कार्रवाई के दौरान एसडीएम विशा माधवानी ने गंदगी और अमानक स्तर से मिठाई का निर्माण होने और मिठाई हाइजनिजिक न होने का बयान दिया था। प्रशासन ने छापामार कार्रवाई कर सैंपल भरकर उच्च अधिकारियों से अपनी पीठ थपथपा ली। अब जब सैंपल की जांच रिपोर्ट आएगी तब आगे की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सैंपल लेने के बाद प्रशासन ने मिठाई के कारखाने और निर्मित मिठाई को ऐसे ही छोड़ दिया। कारखाने में निर्मित खाद्य पदार्थ सही है या अमानक अभी कह पाना मुश्किल है। लेकिन जांच रिपोर्ट के आने तक संदेह के घेरे में रहने वाले खाद्य पदार्थ की बिक्री को रोकने और आम जनमानस के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते सैंपलों की रिपोर्ट तब आएगी जब शहर में बिक रहा मावा सहित अन्य खाद्य सामग्री खप हो चुकी होगी। अधिकारियों के ही अनुसार जांच रिपोर्ट 14 दिन में आने का प्रावधान है, लेकिन संभाग में एक ही लैब होने एक चलते एक माह का समय लग जाता है। हालांकि अधिकारी लैब से पूर्व अपने अनुभव से ही खाद्य पदार्थों को जांचने का दावा कर रहे हैं। त्योहारी सीजन खासकर दीपावली के दौरान ही बड़ी मात्रा में लोग मिठाई व खाद्य सामग्री की खरीदारी करते हैं, ऐसे में अभी लिए गए सैंपल की रिपोर्ट त्यौहार हो जाने के बाद ही प्राप्त होगी, तो वहीं खाद्य विभाग की टीम के द्वारा त्योहारी सीजन के समय की गई कार्रवाई झूठी वाहवाही साबित हो रही है। लोगों को इस कार्यवाई का सही सही लाभ नहीं मिल पाता है।
पहले फेल हो चुके हैं बीकानेर मिष्ठान एवं शांति स्वीट्स के सैंपल
खाद्य विभाग ने अब तक नौगांव एवं ब्लॉक क्षेत्र में इस वर्ष जितने भी सैंपल लिए हैं इनमें से कुछ की ही रिपोर्ट मिली है। इनमें से जो सैंपल फेल हो चुके हैं वो न्यायालयीन प्रक्रिया में है। इसकी बानगी यह कि बीते वर्षों में नगर में स्थित शांति स्वीट्स एवं बीकानेर मिष्ठान भंडार के भी सैंपल फेल हुए थे जुर्माना लगाया गया और प्रतिबंधात्मक कार्यवाई के आदेश हुए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। स