छतरपुर। राज्य आनंद संस्थान द्वारा श्री कृष्णा यूनिवर्सिटी छतरपुर में एक दिवसीय अल्पविराम सह आनंद सभा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कानून की पढ़ाई कर रहे 50 छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की, मास्टर ट्रेनर लखन लाल असाटी, श्रीमती आशा असाटी, श्रीमती नीलम पांडे और रामकृपाल यादव ने अपने निजी अनुभवों को साझा करते हुए अल्पविराम की उपयोगिता को रेखांकित किया, समाज में न्याय के लिए उनकी क्या भूमिका होगी इस पर भी संवाद हुआ, सत्य के साथ खड़ा होना है अथवा सत्य को अपने पक्ष में लाना है यह अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है?
लखन लाल असाटी ने कहा कि शिक्षा का अंतिम लक्ष्य तो सुख की प्राप्ति है पर सुख कहीं पढ़ाया नहीं जाता है, उन्होंने कहा हमने रास्तों को अपनी मंजिल मान लिया है जिस कारण सुख की स्थापना जीवन में नहीं दिखाई देती है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बृजेंद्र सिंह गौतम, अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह गौतम तथा कुल सचिव विजय सिंह ठाकुर के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में निखिल मिश्रा, प्राची परिहार, राम जी ठाकुर, विजयाराजे तिवारी, शोभा अहिरवार, कोमल अहिरवार, ओमप्रकाश कुशवाहा, रीता पटेल, सौरभ अनुरागी, रितु कुशवाहा आदि ने अपनी जिज्ञासाओं को प्रकट किया, प्राची परिहार ने कहा कि एक जैसी शिक्षा होने की बावजूद रिसीविंग सबकी अलग-अलग है इसके पीछे क्या कारण है, निखिल मिश्रा ने कहा कि हम अपने जीवन को उत्तम कैसे बना सकते हैं और नैतिकता क्या है, जीवन के परम लक्ष्य को लेकर किए गए सवाल पर समाज सेवा, सफलता, लोकप्रियता, लैंगिक समानता,  आर्थिक समानता, किसी को दुख नहीं देना आदि आदि को उन्होंने अपना लक्ष्य बताया।
कार्यशाला के दौरान नैतिक और जीवन मूल्य पर संवाद हुआ, समग्र विकास में शिक्षा की भूमिका पर संवाद हुआ अल्पविराम क्या है कैसे हम एकांत और शांत रहकर खुद से संवाद कर पाते हैं और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर पाते हैं, कानून के छात्रों ने कहा कि यह अल्पविराम कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी है इसे यूनिवर्सिटी में प्रत्येक माह होना चाहिए, कुल सचिव विजय सिंह ने कहा कि कानून के छात्रों के साथ  लगातार यह आयोजन रखा जाएगा।